Jammu and Kashmir : जम्मू कश्मीर असेंबली इलेक्शन 2024 में की सबसे दिलचस्प बात ये है कि साल 2014 के असेंबली इलेक्शन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली PDP इस इलेक्शन में 3 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. 2014 के इलेक्शन में PDP को 28 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 25 और इन दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई थी.
असेंबली इलेक्शन के नतीजों को अगर देखें तो महबूबा मुफ्ती के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का झंडा फहराए रखना एक मुश्किल चुनौती है. इस इलेक्शन में पीडीपी को महज़ तीन सीट पर जीत मिली. साल 2016 से 2018 तक सीएम रहीं महबूबा ने इस बार इलेक्शन नहीं लड़ा था. उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती पहली बार चुनावी मैदान में उतरी थीं, जो श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से चुनाव हार गईं...
महबूबा मुफ़्ती को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी पीडीपी रीजनल पॉलिटिक्स में बने रहने के लिए काफ़ी सीट जीतेगी. हालांकि, पार्टी की उम्मीदें कम होने का इशारा इल्तिजा ने इलेक्शन से पहले ही दे दिया था. जब उन्होंने कहा था कि पीडीपी किंगमेकर होगी क्योंकि इलेक्शन में हंग विधानसभा के हालात बनेंगे.
सियासी एक्सपर्ट्स की मानें तो महबूबा को पार्टी में जान फूंकने के लिए पार्टी संगठन को लेकर कड़े कदम उठाने होंगे. जितने उम्मीदवार उनकी पार्टी से जीते हैं, उससे तीन गुना ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. PDP अनुच्छेद 370 को बहाल करने के भी हक़ में रही है. लेकिन बावजूद इसके अवाम ने पीडीपी खारिज कर दिया, जो थोड़ा चौंकाने वाला लगता है...