Jammu and Kashmir : मशहूर सूफी बुजुर्ग मीर सैयद अली हमदानी का आज खानकाह मुअल्ला में अकीदत एहतेराम के साथ 659वां उर्स मनाया गया.
बता दें कि हर साल अरबी कैलेंडर की छह ज़िल हिज्जा को शाह ए हमदान का सालाना उर्स मनाया जाता है. उर्स में श्रीनगर समेत जम्मू कश्मीर के दूर दराज के इलाकों से बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल होते हैं.
गौरतलब है, इस मौके पर सुबह से ही खानक़ाह ए मुअल्ला में ज़िक्रो अज़कार, नात ख्वानी और खिताब का सिलसिला जारी रहता है. ज़ोहर की नमाज के बाद उनके बाक़ियात और निशानियों को नमाजियों के सामने रखा जाता है. इस मौके पर उलेमा ए कराम शाह हमदान की दीनी और समाजी खिदमात पर रौशनी डालते हैं.
वहीं, उर्स के पेशनजर गुरूवार को वक्फ बोर्ड और जिला इंतेजामिया की तरफ से अकीदतमंदों के लिए खास इंतेजाम किया था. कहा जाता है कि 13वीं सदी में सेंट्रल एशिया और कश्मीर में इस्लाम की इशाअत के साथ ही उन्होने बर्रे सग़ीर हिंद पाक में इब्न ए अरबी के फलसफे वहदतुल वजूद को फैलाने में अहम किरदार अदा किया. 1385 में श्रीनगर से मक्का जाते वक्त स्वात में उनका इंतेकाल हुआ...