Jammu and Kashmir : जम्मू कश्मीर के गांदरबल में रविवार को दहशतगर्दों ने मज़दूरों पर गोली बरसाई. तो बुधवार शाम सेना के जवानों पर. 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में नई सरकार की तश्कील के साथ ही ये दहशतगर्दों हमले बढ़ गए हैं.
ऐसे में यह सवाल लाज़मी हैं कि क्या जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के साथ ही दहशतगर्दों में हिंदुस्तानी फौज का खौफ ख़त्म हो गया है ? आखिर क्यों सूबे में उमर अब्दुल्ला की सरकार बनते ही दहशतगर्दों ने ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिये हैं ?
गुलमर्ग में सेना की गाड़ी पर हुए हमले के बाद उमर अबदुल्ला ने X पर पोस्ट लिखा. उन्होने कहा... "कश्मीर में हालिया दहशतगर्दाना हमले तश्वीशनाक हैं. मैं इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. हमले में शहीद जवानों और मारे गए पोर्टर्स के परिवार के लिए संवेदनाएं. दुआ करता हूं की ज़ख़्मी जल्द से जल्द मुकम्मल तौर पर सेहतयाब हों..."
वहीं कश्मीर में सरकार बनने के बाद हो रहे दहशतगर्दाना हमलों की सियासतदानों ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने सरकार से इस तरह की वारदातों को रोकने और बाहरी मज़दूरों की हिफ़ाज़त यक़ीनी बनाने के लिए कड़े क़दम उठाने की अपील की है. पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने X पर पोस्ट लिखा, "बारामूला में सेना के काफिले पर आतंकी हमले से दुखी हूं. हमले में नागरिक पोर्टर की मौत हो गई. इसकी निंदा करती हूं. ज़ख़्मी सैनिकों के जल्द स्वस्थ होने के लिए दुआ कर रही हूं."
वहीं, इनके अलावा कई सियासी लीडरान ने दहशतगर्दाना हमलों की सख़्त अलफ़ाज़ में मज़म्मत की है और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है ..
जम्मू कश्मीर में अमन के दुश्मनों ने घात लगाकर फ़ौजियों पर हमला कर के एक बार फिर अपनी बुज़दिली का सबूत दिया है. घाटी में हमलों के बाद सिक्योरिटी सख़्त कर दी गई और अब दहशतगर्दों का सफ़ाया करने में फौज कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है ..