Jammu and Kashmir : श्रीनगर और बारामूला के बाद, अब अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर वोटिंग की बारी है. वादी-ए-कश्मीर की पहली दो सीटों पर बंपर वोटिंग के बाद अनंतनाग राजौरी सीट पर भी रिकॉर्ड वोटिंग की उम्मीद की जा रही है.
गौरतलब है कि 90 के दशक के बाद, यहां आम तौर पर वोटिंग फीसद काफी कम रहा है. बता दें, साल 2019 में अनंतनाग में सिर्फ 8.96 फीसद जबकि 2004 में 15.04 फीसद वोटिंग हुई थी. इसके बाद के दो लोकसभा चुनाव में वोटिंग फीसद में 12 से 13 फीसद का इज़ाफा दर्ज की गई.
वहीं, परिसीमन के बाद इस लोकसभा हल्के में दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां का एक असेंबली सेगमेंट रह गया है. बता दें कि साल 2004 में इन तीनों जिलों मे वोटिंग फीसद 20 से कम रहा लेकिन 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में ये आंकाड़ा 35 फीसद से ऊपर पहुंच गया. पिछले दो चरणों में कश्मीर में जिस तरह की वोटिंग हुई उससे साफ है कि आज का कश्मीर 2019 से काफी आगे निकल चुका है. कल यानि 25 मई को यहां भी नया रिकॉर्ड बन सकता है.
आपको बता दें कि वोटिंग फीसद में इज़ाफे पर यकीन की वजह, लोकसभा हल्के का परिसीमन है. परिसीमन के बाद, अनंतनाग लोकसभा सीट अब अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट हो गई है. और इसमें राजौरी और पुंछ जिले के कुल 7 असेंबली सेगेमेंट भी शामिल हो गए हैं. जिसके बाद, इस लोकसभा हल्के में पांच जिलों के कुल 17 असेंबली सेगमेंट हैं. इनमें दमहाल हांजीपोरा , कुलगाम , देवसर , शोपियां जिले का ज़ैनपोरा ,अनंतनाग जिला का दोरू, कोकरनाग, अनंतनाग वेस्ट, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबिहाड़ा, शंगस-अनंतनाग ईस्ट, पहलगाम, राजौरी जिला का नौशेरा, राजौरी, बुद्धल, थन्नामंडी और पुंछ जिले का सुरनकोट, पुंछ- हवेली तथा मेंढर विधानसभा क्षेत्र आता है. हालांकि, अब देखना है कि 25 मई को इन इलाकों के वोटर्स का वोटिंग को लेकर क्या रूख होता है...