Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद पर चौतरफा हमला करने के लिए प्रशासन मुस्तैद है. इसके लिए न केवल सुरक्षाबल एक्टिव हैं बल्कि कश्मीर के आम बाशिंदों को भी मजबूत बनाया जा रहा है. ऐसे में शनिवार सुबह पूरे डोडा जिले में विलेज डिफेंस गॉर्ड (VDG) सदस्यों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
गौरतलब है कि साल 2006 में सरकार ने जिले के बहुत से गांवों में स्थानीय लोगों को हथियार मुहैया कराए थे. ताकि वे बढ़ते उग्रवाद से अपने घरों और गांव की सुरक्षा कर सकें. तकरीबन 20 साल पहले भारतीय सेना डोडा के हर गांव में पहुंचकर सुरक्षा उपाय नहीं कर सकती थी. ऐसे में उग्रवाद से निबटने के लिए पूरे जिले में विलेज डिफेंस गार्ड (VDG) का एक संगठन स्थापित किया गया.
विलेज डिफेंस गार्ड (VDG) का उद्देश्य जिले के स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग मुहैया कराकर उन्हें सक्षम बनाना है. यही कारण है कि इन स्वयंसेवकों (VDG volunteers) को हर साल हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है.
वहीं, शनिवार को पुलिस द्वारा आयोजित इस ट्रेनिंग कैंप में लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इस दौरान यहां ट्रेनिंग कर रहे स्थानीय लोगों ने वेपन ट्रेनिंग को लेकर खुशी जाहिर की.
ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग करने पहुंचे एजाज अहमद का कहना है कि आमतौर पर हम हथियार न के बराबर चलाते हैं. लेकिन सरकार द्वारा हथियार चलाने के ट्रेनिंग कैंप में पहुंचकर हम हथियार चलाना सीखते हैं. साथ ही आत्मरक्षा और हथियारों के बारे में भी बहुत सी नई जानकारियां मिलती हैं.
हथियारों की ट्रेनिंग लेने पहुंची गुड्डी देवी कहती हैं कि वे और उनके गांव की दूसरी तीन महिलाएं अपने गांव से विलेज डिफेंस गार्ड (VDG) में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि गांव के मर्दों जब काम करने के लिए बाहर जाते हैं तो वे इन हथियारों के जरिए अपने गांव की सुरक्षा करती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही हथियारों की ट्रेनिंग से वे बेहद खुश हैं और उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है.