Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भारतीय सेना के जवान हरदम तैयार हैं. ऐसे में शनिवार को विजय दिवस के मौके पर भारतीय सैनिक साल 1971 की जंग से प्रेरणा लेंगे.
आपको बता दें कि पूरा मुल्क आज विजय दिवस मना रहा है. एलजी मनोज सिन्हा ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग में शहीद जवानों को खिराज ए अकीदत पेश करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानियों को देश कभी नहीं भूलेगा.
93 हजार सैनिकों ने किया था आत्मसमर्पण
गौरतलब है कि शनिवार को विजय दिवस (Vijay Divas) के मौके पर जम्मू-कश्मीर में देश के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई. बता दें कि आजे से ठीक 53 साल पहले भारतीय सैनिकों ने साल 1971 में भारत-पाक (India Pak War) जंग के दौरान पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया था.
पाक-चीन का सामने करने को तैयार है सेना
साल 1971 के बाद मौजूदा वक्त में भारतीय सेना लगातार अपनी क्षमताओं को विकसित करती जा रही है. भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी मुल्कों से मिलने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निबटने के लिए तैयार है.
युद्ध स्मारकों पर होंगे श्रद्धांजलि कार्यक्रम
आपको बता दें कि शनिवार को भारतीय सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी 1971 की जंग में शहीद हुए जवानों को सलामी दी. इसके अलावा शनिवार को सेना के कमान मुख्यालय के साथ-साथ युद्ध स्मारकों पर भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कराए गए.
बता दें कि 16 दिंसबर 1971 की जंग में पाकिस्तानी फौज पर मिली जीत की याद में आज के दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है. 13 दिन की इस तारीखी जंग में साउथ एशिया का नक्शा बदल गया. इस जंग के नतीजे में बांग्लादेश वजूद में आया था.