Bear in Ganderbal: इंसानी बस्तियों में घूम रहे जंगली भालू, वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट सतर्क...
Wild Bear in Ganderbal: शब्बीर अहमद के मुताबिक जिले में इस साल कम अज कम एक दर्जन काले भालू और तेंदुए के अलावा तीन दर्जन से ज्यादा खतरनाक किस्म के सांप पकड़े गए हैं. ये बात अलग है कि जम्मू-कश्मीर में वाइल्ड लाइफ महकमा जंगली जानवरों को लेकर काफी एक्टिव रहता है. जो हर एक खबर पर एक्शन लेता है.
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Jammu and Kashmir: शहरी आबादी और जंगल के करीब की बस्ती में दाखिल होने वाले जानवरों को पकड़ने और उन्हें वापस भेजने को लेकर वाइल्ड लाइफ महकमा लगातार एक्टिव है. वहीं, गुरुवार को गांदरबल के गोटलीबाग के इलाके में दो जंगली भालू देखे जाने की खबर मिलते ही वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट का स्टाफ हरकत में आ गया है.
जिसके बाद वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर, भालुओं को पकड़ने के लिए पिंजड़े लगा दिए. वहीं, कंट्रोल रूम के इंचार्ज शब्बीर अहमद के मुताबिक जिले में इस साल कम अज कम एक दर्जन काले भालू और तेंदुए के अलावा तीन दर्जन से ज्यादा खतरनाक किस्म के सांप पकड़े गए हैं.
उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम को मिलने वाली हर कॉल पर फौरन कार्रवाई की जाती है. बता दें कि नार्थ ईस्ट, हिमाचल और उत्तराखंड की तरह जम्मू कश्मीर के पहाड़ी जंगलों में भी कालू भाए पाए जाते हैं. जोकि खाने की तलाश में कई बार रिहायसी इलाकों में पहुंच जाते हैं. आमतौर पर जंगली भालू 12 से 33 सौ मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं. लेकिन खाने की कमी और शिकार की तलाश में वे शहरी या इंसानी बस्तियों का रुख करते हैं.
ये बात अलग है कि जम्मू-कश्मीर में वाइल्ड लाइफ महकमा जंगली जानवरों को लेकर काफी एक्टिव रहता है. जो हर एक खबर पर एक्शन लेता है.
शहरी आबादी और जंगल के करीब की बस्ती में दाखिल होने वाले जानवरों को पकड़ने और उन्हें वापस भेजने को लेकर वाइल्ड लाइफ महकमा लगातार एक्टिव है. वहीं, गुरुवार को गांदरबल के गोटलीबाग के इलाके में दो जंगली भालू देखे जाने की खबर मिलते ही वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट का स्टाफ हरकत में आ गया है.
जिसके बाद वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर, भालुओं को पकड़ने के लिए पिंजड़े लगा दिए. वहीं, कंट्रोल रूम के इंचार्ज शब्बीर अहमद के मुताबिक जिले में इस साल कम अज कम एक दर्जन काले भालू और तेंदुए के अलावा तीन दर्जन से ज्यादा खतरनाक किस्म के सांप पकड़े गए हैं.
उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम को मिलने वाली हर कॉल पर फौरन कार्रवाई की जाती है. बता दें कि नार्थ ईस्ट, हिमाचल और उत्तराखंड की तरह जम्मू कश्मीर के पहाड़ी जंगलों में भी कालू भाए पाए जाते हैं. जोकि खाने की तलाश में कई बार रिहायसी इलाकों में पहुंच जाते हैं. आमतौर पर जंगली भालू 12 से 33 सौ मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं. लेकिन खाने की कमी और शिकार की तलाश में वे शहरी या इंसानी बस्तियों का रुख करते हैं.
ये बात अलग है कि जम्मू-कश्मीर में वाइल्ड लाइफ महकमा जंगली जानवरों को लेकर काफी एक्टिव रहता है. जो हर एक खबर पर एक्शन लेता है.