Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं गुलाम नबी आजाद, कही ये बात...

Written By Vipul Pal Last Updated: Dec 11, 2023, 01:29 PM IST

Jammu and Kashmir: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आर्टिकल 370 पर अपना फैसला कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370 Verdict) हटाने के फैसले को बरकरार रखा है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर को दिग्गज नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

गुलाम नबी हैं- निराश 

आपको बता दें कि सुप्रीक कोर्ट के फैसले पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें कोर्ट के इस फैसले को सुनकर बहुत निराशा हुई है. गुलाम नबी ने कहा कि उन्होंने पहले ही यह साफ कर दिया था कि आर्टिकल 370 के मामले में सिर्फ केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट ही फैसला ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 केंद्र के प्रावधानों को बहाल करेगी नहीं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट इसकी उम्मीद थी, जोकि आज वो भी खत्म हो गई.

गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि अब तक जम्मू-कश्मीर की जनता की भावनाए आर्टिकल 370 और 35A से जुड़ी हुईं थी. कश्मीर से आज इन दोनों आर्टिकल को भी खत्म कर दिया गया है. 

 

 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हाटने के फैसले की संवैधानिक वैधता पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 पर लिए गए फैसले को सही ठहराया.

प्रेसिडेंट ले सकते हैं फैसला- CJI

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को निरस्त करने पर कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370  को हटाने का फैसला प्रेसिडेंट का हाथों में है. 

कश्मीर को मिलेगा राज्य का दर्जा

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का बहाल करने की भी बात कही है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने के आदेश दिए हैं. 

ये है पूरा मामला

आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले बहुत से लोगों ने आर्टिकल 370 के हटाए जाने के फैसले का विरोध कर सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर जांच की अपील की थी. याचिकाकर्ताओं की दलील है कि साल 1957 के बाद जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को विधानसभा की मंजूरी के बिना हटाया जाना असंवैधानिक है. वहीं, इस मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार ने भी दलील दी है. केंद्र सरकार का कहना है कि आर्टिकल 370 के मामले में किसी भी प्रकार की संवैधानिक धांधली नहीं हुई है.