जम्मू-कश्मीर में शिव सेना यूबीटी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुई ई-बस सेवा में महिलाओं और बुजुर्गों के लिए निःशुल्क सफर की मांग की. इसके साथ-साथ उन्होंने स्थानीय स्तर पर स्टाफ की नेयुक्ति की भी मांग सामने राखी है. आपको बता दें जम्मू में पार्टी ऑफिस में आयोजित एक प्रेस टॉक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा आज वर्चुअल मोड से जम्मू में ई-बसों को हरी झंडी दिखाई गई. एसे में प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने इस उपाय का स्वागत करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत टाटा मोटर्स को जम्मू और श्रीनगर में अगले 12 वर्षों के लिए 100-100 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति और संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
जम्मू के बसों के मालिकों को हो सकता है आर्थिक नुकसान
लेकिन प्रदेश प्रमुख ने यह भी बताया कि इस पहल के चलते दशकों से जम्मू की सड़कों पर चलने वाली मिनी बसों के मालिकों को आर्थिक नुकसान होना तय है और ड्राइवरों पर बेरोजगारी के बादल मंडरा रहे हैं. सहानी का कहना है कि वे विकास और नयी तकनीक के खिलाफ नही है मगर इस काम के लिए अगर उन्हें अपने स्थानीय लोगों के हितों और अधिकारों की बलि देनी पड़े तो ये उन्हें बिलकुल स्वीकार नही है.
स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए और साथ ही ड्राइवरों की रोजगार सुनिश्चित करने के लिए नियुक्तियों की मांग की जा रही है. साहनी ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से मांग की है कि टाटा मोटर्स की ई-बसों में स्थानीय लोगों को शामिल करने के साथ ही, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए निःशुल्क सफर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.