कश्मीर में केसर फेस्टिवल का आग़ाज़, मुग़ल दौर से भी पुराना है इसका इतिहास

Written By Tahir Kamran Last Updated: Nov 05, 2022, 10:11 AM IST

Saffron Festival 2022: नवंबर के आग़ाज़ के साथ ही जम्मू-कश्मीर में केसर फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है. कश्मीर के पाम्पोर की घाटी में इस वक्त केसर के फूल खिले हैं. इसीको देखते हुए कश्मीर टूरिस्ट डिपार्टमेंट ने केसर फेस्टिवल का आग़ाज़ 1 नवंबर को ही कर दिया है. इस जश्न में शामिल होने के लिए पर्यटकों का आने जाने का दौर जारी है.

केसर दुनिया की सबसे महंगी जड़ी-बूटियों में से एक है. हिमालय पर्वत की तलहटी में मौजूद केसर के खेत एक शानदार और आकर्षक नज़ारा देता है. केसर का सबसे बेहतरीन ज़ायका लेने के लिए इसे 'कहवा' में शामिल करके पीने में है. जो कश्मीर घाटी की एक पारंपरिक चाय है. 

जश्न में शामिल हैं यह रिवायती डांस


केसर फेस्टिवल हर साल नवंबर के शुरुआती दिनों में ही आयोजित किया जाता है जो कि करीब 8 से 10 दिन तक चलता है. इस फेस्टिवल को केसर उत्पादकों की मदद से पंपोर में केसर के खुले खेतों में मनाया जाता है. इस फेस्टिवल को मनाने के पीछे का मक़सद केसर की खेती को बढ़ावा देना है, साथ ही टूरिस्ट को कश्मीर की तरफ रागिब करना है. कश्मीर में उगने वाला केसर पूरे देश में मशहूर है. इस फेस्टिवल में कल्चरल प्रोग्राम और रिवायती डांस का भी आयोजन किया गया है. जिसमें कश्मीर के कुड़, भांड और दुमहल नाम के लोक नृत्य शामिल हैं. 

फेस्टिवल में कोई भी हो सकता है शामिल


प्रोग्राम के दौरान पर्यटकों को किसानों के साथ केसर तोड़ने में शामिल होने के लिए बुलाया जाता है. जिससे पर्यटक भी केसर तोड़ने की कला को सीख पाते हैं. इससे भी बड़ी बात है कि इस जश्न का हिस्सा बनने के लिए कोई एंट्री फीस भी नहीं है. इस जश्न के दरवाज़े सभी मज़हबों और ज़ात पात के लोगों के लिए खुले रहते हैं. 

युसूफ शाही चक के दौर से मनाया जाता है फेस्टिवल


केसर की कटाई का जश्न मनाने का ख़्याल मुग़ल दौर से पहले का है. इतिहास के मुताबिक यह त्योहार कश्मीरी शासक युसूफ शाही चक के शासन काल में मनाया जाता था. उसके बाद पर्यटन सरकार द्वारा इसे फिर से शुरू किया गया. केसर की खेती पंपोर के आम शहरियों का मुख्य कारोबार है. पंपोर की पूरी लंबाई और चौड़ाई इस ख़ास मसाले के उत्पादन में सीधे तौर पर शामिल है. वहां के लोगों की पूरी ज़िंदगी केसर के इर्द-गिर्द घूमती है.