Indoor Farming: मॉर्डन टेक्नोलॉजी ने जिन्दगी के दूसरे कामों की ही तरफ एग्रीकल्चर सेक्टर को भी काफी बदल दिया है. अब वो दिन गए जब खेती के लिए खुली और लंबी चौड़े रक्बे पर फैली जमीन की जरूरत होती थी. आज के दौर में मॉर्डन टेक्नोलॉजी ने खेती को इतना आसान बना दिया है कि अब घरों की चारदीवारी में भी खेती करना मुमकिन हो गया है.
ऐसे ही एक कारनामे को असल बनाने वाले हैं हारून रशीद. शोपियां के रहने वाले हारून रशीद भी कश्मीर के उन प्रोग्रेसिव किसानों में से एक हैं, जिन्होंने मॉर्डन टेक्नोलॉजी का बखूबी इस्तेमाल किया है. दरअसल हारून ने मॉर्डन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए अपने घर की चारदीवारी में केसर की पैदावार की है. हारून ने अपने घर के बड़े से हॉल में केसर पैदा कर इंडोर खेती का उदाहरण पेश किया है.
आपको बता दें कि, घर के भीतर केसर की खेती करने वाले हारून अपने जिले में पहले शख्स बन गए हैं, जो इंडोर सैफ्रॉन उगाते हैं. हारून ने बताया कि, उन्होंने पाम्पोर के दुसू में मौजूद, India International Kashmir Saffron Trade centre (IIKSTC) की मदद से अपने घर पर केसर की खेती की है.
अपने घर की चारदीवारी में जाफरान पैदा करने वाले हारून रशीद ने बताया कि खेती में पैदा की जाने वाली फसल पर हर तरह के मौसम का असर पड़ता हैं. वहीं, अगर हम इंडोर फार्मिंग करते हैं तो हम अपनी फसलों को मौसम की मार झेलने से बचा सकते हैं.
गौरतलब है कि साउथ कश्मीर का इलाका केसर की पैदावार के लिए जाना जाता है. ऐसे में हारून रशीद ने अपने घर पर तकरीबन सौ ट्रेज़ में केसर के पौधे लगाए गए हैं. वे बताते हैं कि कश्मीर के बाकि किसान भी इंडोर फार्मिंग के लिए अलग-अलग सरकारी स्कीमों को फायदा ले सकते हैं. इसके साथ ही वे सरकारी वैज्ञानिकों और अधिकारियों से लगातार बात-चीत कर अपने पैदावार को मॉनिटर भी कर सकते हैं.