हाल ही में हुई श्रीनगर में एक आतंकी हमले के विरुद्ध, पुलवामा जिले के स्थानीय लोगों ने एक ऐतिहासिक कैंडल लाइट मार्च निकाला. श्रीनगर के इलाके में हुई हमले में दो गैर स्थानीय प्रवासी श्रमिकों की मौत के बाद, पुलवामा जिले के लोगों ने इस बदलते माहौल के खिलाफ आवाज उठाई. बता दें आतंकवादियों ने कल शाम श्रीनगर के शाल कदल इलाके में दो गैर स्थानीय प्रवासी श्रमिकों पर गोलीबारी की, जिसमें अमृतपाल सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रोहित मानसी ने सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया.
उन्होंने अपने शांतिपूर्ण संविधान में आतंकी हमलों के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुटता का प्रतीक बनाया. इस मार्च में, वे भारतीय समाज को संवेदनशीलता की दिशा में प्रेरित कर रहे हैं, जो आतंकवाद के विरुद्ध एक मजबूत आवाज़ की आवश्यकता है.लोगों का यह साहसिक कदम दिखाता है कि वे घाटी में शांति और सद्भाव के लिए एक साथ खड़े हैं और हमेशा इस प्रकार के अमानवी घटनाओं का विरोध करेंगे.
कैंडललाइट मार्च में भाग लेने वाले पुलवामा जिले के स्थानीय लोगों ने कहा कि घाटी में लक्षित हत्याओं पर तुरंत रोका लगना चाहिए. उन्होंने आगे यह भी कहा कि घाटी में विभिन्न धर्मों के लोग शांतिपूर्ण माहौल में एक समुदाय के रूप में रहते हैं. इतना ही नही जिले के स्थानीय लोगों ने कहा कि वे घाटी में आतंकी घटनाओं में मारे गए मृतकों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.