जम्मू-कश्मीर : नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के बयानों ने सियासी गलियारों में असमंजस का माहौल बना दिया है. पिता ने इंडिया गठबंधन को झटका दिया तो वहीं बेटे ने सामने आकर सफाई दी कि, हम हमेशा 'इंडिया' गठबंधन का हिस्सा रहेंगे. ऐसे में जम्मू कश्मीर की सियासत में अभी खलबली मची ही थी कि, इसी बीच, अब उमर अब्दुल्ला के पूर्व राजनीतिक एडवाइज़र देवेंद्र सिंह राणा ने ज़ोरदार खुलासा किया है.
उन्होंने कहा कि, 'नेशनल कॉन्फ्रेंस बीजेपी के साथ मिलाने को बैचेन है.' एक न्यूज़ चैनल से खास बातचीत में देवेंद्र ने कहा है कि, 2014 में विधानसभा चुनावों के बाद एनसी ने बीजेपी के साथ गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था. उन्होंने आगे कहा कि, उस वक्त उमर अब्दुल्ला के साथ वो बीजेपी आलाकमान से मिलने दिल्ली आए थे. लेकिन बीजेपी ने उनके प्रस्ताव को नकार दिया. इसके बाद बीजेपी ने पीडीपी से हाथ मिला लिया.
यही नहीं, देवेंद्र ने ये भी कहा कि, मुफ्ती सईद के निधन के बाद भी नेशनल कॉन्फ्रेंस से गठ जोड़ का प्रस्ताव भेजा. और फिर 370 हटने के बाद भी बीजेपी को प्रस्ताव भेजा था लेकिन बीजेपी ने इस बार भी उनके इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया था. देवेंद्र ने कहा कि, 'एनसी बहुत वक्त से बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए व्याकुल है.'
आपको बता दें कि, देवेंद्र उस वक्त उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार थे जब वो जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद पर आसिन थे. हालांकि 2021 में उन्होंने एनसी छोड़, बीजेपी का दामन थामा था. अब क्योंकि पिता-पुत्र, फारुख और उमर के बयानों में साफ अंतर दिखाई दे रहा है. तो ऐसे में देवेंद्र के बयान ने एक नई बहस ज़रुर छेड़ दी है.