जम्मू कश्मीर Omar Abdullah : पहाड़ियों को आरक्षण दिए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि, गुज्जर आरक्षण प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए.
दरअसल बुधवार को एनसी नेता से पत्रकारों ने पहाड़ियों को रिज़र्वेशन देने के लोकसभा में पास किए गए बिल के बारे में सवाल पूछा तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, सबसे पहले एनसी ने पहाड़ियों को आरक्षण देने की मांग थी. उन्होंने कहा कि, जब नेशनल कांफ्रेंस की हकुमत थी तो हमारी सरकार ने ही पहाड़ियों को रिजर्वेशन देने के लिए बिल असेंबली में पास करवाया था.'
लोकसभा में एससी, एसटी विधेयक पारित होने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, नेशनल कांफ्रेंस की मांग थी कि पहाड़ियों को भी एसटी स्टेटस मिले और गुज्जर बकरवाल का हक भी न छीना जाए. उन्होंने कहा है कि, 'मैं कहना चाहता हूं कि गुज्जरों की चिंताओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. उनके आरक्षण को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. ये प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए.'
पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवा पार्टी में संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की हिम्मत नहीं है. उन्होंने कहा कि, 'अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, नए कानूनों के कार्यान्वयन, परिसीमन प्रक्रिया के माध्यम से निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं में बदलाव, विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण, धार्मिक भावनाओं का लाभ उठाने, पर्याप्त मात्रा में धन खर्च करने के बावजूद, भाजपा अभी भी एक साथ विधानसभा आयोजित करने का साहस नहीं जुटा पा रही है.'
बता दें कि लोकसभा ने बुधवार को संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 पारित कर दिया. इस विधेयक का उद्देश्य पहाड़ी जातीय समूह, पदारी जनजाति, कोली और गढ़ा ब्राह्मण को सशक्त बनाना है और उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना है.
वापस अगर बात पहाड़ियों को मिले आरक्षण की करें तो राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहें हैं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पहाड़ियों को आरक्षण देकर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है. इसका फायदा पार्टी को चुनावों में मिल सकता है.