Preservation of Balti Language and Culture: बाल्टी भाषा और बाल्टी संस्कृति की समृद्ध विरासत की सुरक्षा के लिए एसोसिएशन ऑफ बाल्टिस हिमालय लद्दाख और टेरिटरीज ऑफ इंडस की ओर से राष्ट्रीय जागरूकता अभियान, "आपकी अपनी भाषा, अपनी पहचान" चलाई जा रही थी. इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया. गौरतलब है की ये अभियान 17 दिसंबर, 2023 को शुरू किया गया था. ये अभियान कारगिल यूटी लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में बाल्टी क्षेत्रों से होकर गुजरा.
बशीर वफ़ा कर रहे थे अद्यक्षता
प्रसिद्ध बाल्टी कवि और सांस्कृतिक कार्यकर्ता, ABHLTI के अध्यक्ष बशीर वफ़ा के नेतृत्व में, एसोसिएशन ने सांस्कृतिक अकादमी, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और अन्य प्रतिष्ठित संगठनों के सहयोग से प्रदर्शनियों और सेमिनारों की एक श्रृंखला का आयोजन किया. इस अभियान का उद्देश्य समकालीन युग में बाल्टी भाषा और संस्कृति के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना था.
प्रसिद्ध कवि बुआ मंसूर की कब्र का जीर्णोद्धार
इस अभियान में शिमला संजोली के कार्यक्रमों सहित शीतकालीन कार्यक्रमों में प्रतिष्ठित बाल्टी कवि बुआ मंसूर की कब्र का जीर्णोद्धार भी शामिल था. अभियान में सभी उम्र के प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिसमें बच्चों पर विशेष ध्यान दिया गया.
सामूहिक प्रयासों की ज़रूरत
ये कार्यक्रम अंबाडी उत्तराखंड में संपन्न हुआ. इस दौरान हैदर साहब, क़िबला सैयद मेहबूब अली शान और मौलाना क़मर अली अंबादी सहित उल्लेखनीय अतिथियों ने भाषा और संस्कृति के संरक्षण में एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना की. बशीर वफ़ा ने बाल्टी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए एसोसिएशन के उद्देश्यों को रेखांकित किया.
अभियान को भारत सरकार का समर्थन मिला
इस अभियान को भारत सरकार, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, कला और संस्कृति अकादमी लेह कारगिल, आकाशवाणी कारगिल और दूरदर्शन सहित विभिन्न संस्थाओं से समर्थन मिला.
बशीर वफ़ा ने अभियान की सफलता में योगदान देने वाले सभी अधिकारियों, संघों और व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया. इस राष्ट्रीय उद्देश्य का उदारतापूर्वक समर्थन करने वाले लोगों के सम्मान में एक विदाई पार्टी का आयोजन किया गया.