मोहब्बत की निशानी है श्रीनगर का शालीमार बाग़, तीन हिस्सों में बंटा है गार्डन

Written By Tahir Kamran Last Updated: Nov 08, 2022, 12:45 PM IST

Shalimar Bagh: कश्मीर में एक से बढ़कर एक खूबसूरत जगह हैं. वैसे तो पूरा कश्मीर खुद अपने आप में खूबसूरत है लेकिन यहां कुछ ऐसी जगह मौजूद हैं जो आपने सिर्फ अपने ख़्वाबों में ही देखा होंगी. कश्मीर में घूमने के लिए गुलमर्ग, डल झील, सोनमर्ग और बेताब घाटी है. इन्हीं में से एक है शालीमार बाग़. आइए आज आपको शालीमार बाग़ के इतिहास. बनावट और उसके खूबसूरत नज़ारे से रूबरू कराते हैं.

कश्मीर के श्रीनगर में मौजूद शालीमार बाग़ का नज़ारा देख यक़ीनन आपका दिल ख़ुश हो जाएगा. श्रीनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद शालीमार बाग़ कश्मीर के सभी टूरिस्ट प्लेस में से एक हैं. कश्मीर घूमने आए टूरिस्ट की पहली पसंद ही शालीमार बाग़ है. इस सुकून भरे नज़ारे का हर कोई लुत्फ उठाना चाहता है. 

पत्नी की याद में बनवाया बाग़


शालीमार लफ़्ज़ का मतलब ही मोहब्बत कि रिहाइश होता है. नाम से ज़ाहिर है कि इसे किसी कि मोहब्बत में बनवाया गया है. दरअसल, शालीमार बाग़ को बादशाह जहांगीर ने बनवाया था. जहांगीर ने 1619 ई में अपनी पत्नी मेहरुन्निसा के इंतकाल के बाद उनकी याद में बनवाया था इसलिए इसका नाम शालीमार बाग़ रखा गया. इस बाग़ को कई और नामों से भी जाना जाता है जैसे- फैज बख़्श, गार्डन ऑफ चार मीनार और फराह बख़्श. शालीमार बाग़ का डिज़ाइन चाहार बाग़ ऑफ परशिया की नक़ल है.

बाग़ का नज़ारा कराएगा जन्नत की सैर


यह खूबसूरत बाग़ लगभग 31 एकड़ ज़मीन पर फैला हुआ है. इस बाग को तीन हिस्सों में डिवाइड किया गया है. यह डिवीज़न सीढ़ी की तरह किया गया है. जिसमें पहला हिस्सा दीवान-ए-आम, दूसरा हिस्सा दीवान-ए-ख़ास और तीसरा हिस्सा शाही औरतों के लिए रिज़र्व है. इस गार्डन का रात का नज़ारा और भी खूबसूरत हो जाता है. बाग़ के दूसरी छोर पर वॉटर फाउंटेन भी है. जिसके आस पास रात के वक़्त दीपक जलाए जाते हैं. दीपक की रोशनी से चमचमाता गार्डन एक अलग ही सुकून देता है. बाग़ के बिल्कुल बीच में पत्थरों से बनी एक नहर भी है. इसके अलावा हरियाली, गलियारे और रंग बिरंगे फूल और उनकी महक यह सब मिलकर आपको जन्नत की सैर कराएंगे.

बाग़ घूमने का टाइम और एंट्री फीस


शालीमार बाग़ घमने जाने से पहले आपको वहां का एंट्री टाइम और फीस पता होना चाहिए. शालीमार बाग़ सुबह के 9 बजे से लेकर शाम के के 7 बजे तक के लिए खुलता है. अगर आप जाने में देर कर दें तो आपको सिर्फ शाम के 6:30 बजे तक ही एंट्री मिल पाएगी. बाग़ घूमने के लिए सभी के लिए एंट्री फीस महज़ 10 रुपया ही हैं. इसके अलावा शुक्रवार के दिन आप इस बाग़ का लुत्फ नहीं उठा सकते हैं क्योंकि यह बंद रहता है.