Maulana Mirwaiz Umar Cried: मौनावी मीरवाइज उमर फारूक ने नजर बंदी से रिहा होते ही कश्मीर में अमन और शांति लाने की बात कही. उन्होंने कश्मीरी पंडितों पर भी बयान दिया. मीरवाइज ने कहा कि वे चाहते हैं कि कश्मीरी पंडित वापस (Mirwaiz Uamar on Kashmiri Pandits) अपनी कश्मीर घाटी में वापस लौट आएं. इससे कश्मीर में पहले की ही तरह भाईचारा और शांति स्थापित होगी. आपको बता दें कि बीती 22 सितंबर के शुक्रवार को कश्मीर के मीरवाइज मौलवी उमर फारूक लगभग 212 हफ्तों बाद श्रीनगर मौजूद जामा मस्जिद पहुंचे. वहां पहुंचकर उन्होंने जुमे की नमाज पढ़ी. इसके बाद उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया और लोगों से बातचीत करते हुए वे भावुक हो गए.
गौरतलब है कि शुक्रवार को मीरवाइज उमर के वापस लौटने पर उनसे मिलने के लिए हजारों लोगो की भीड़ जमा हो गई. इस भीड़ में पुरुषों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे. बहुत से लोगों ने मीरवाइज का स्वागत किया.
शुक्रवार को मस्जिद जाने के दौरान मीरवाइज बेहद शांत और मायूस दिखे. यहां तक कि जामा मस्जिद में कदम रखते ही उनकी आखों से आंसू छलक गए. मस्जिद में उन्होंने बहुत से लोगों से मुलाकात और बात चीत के दौरान वे अपने आंसुओं को थाम नहीं पाए.
शांति और अमन की अपील
मीरवाइज फारूक ने लोगों को अपनी बात कहते हुए कहा कि "हम कश्मीर में अमन और शांति चाहते हैं. हम चाहते हैं कि घाटी में कश्मीरी पंडित वापस लौटें. घाटी में शांति और भाईचारा बढ़े."
क्या बोली महबूबा मुफ्ती?
National Conference के दिग्गज नेता उमर अब्दुल्ला और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, के अलावा Apni Party के प्रमुख अल्ताफ बुखारी आदि ने भी मौलवी मीरवाइज उमर फारूक की नजरबंदी के खात्में पर उनकी हौसला अफ्जाही की. उन्होंने उनके नमाज पढ़ने का स्वागत किया. हालांकि, मीरवाइज उमर शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच जामा मस्जिद पहुंचे थे. ऐसे में लोगों ने उनका पुर्जोर स्वागत किया.
1990 में हुई थी मीरवाइज के पिता की हत्या
आपको बता दें कि मीरवाइज मौलवी, 1990 को हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादियों द्वारा मारे गए मीरवाइज फारूक के बेटे हैं. हालांकि, इस साल मई के महीने में जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने ऐलान किया था कि SIA (राज्य जांच एजेंसी) ने मीरवाइज फारूक की हत्या के दोषी और हिजबुल मुजाहिदीन के दो खूंखार और फरार आतंकवादियों को दबोचा है. उन्होंने बताया कि आतंकी जहूर अहमद भट्ट और जावेद अहमद भट को पकड़ लिया गया है. ये साल 1990 के मई से फरार हो गए थे. इन्होंने ही मीरवाइज फारूक की हत्या की थी.