जम्मू कश्मीर: कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को सुशासन के साथ मेरी पंचायत पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बहुत से पंचायत सदस्यों के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि, साल 2011 की जनगणना के मुताबिक सरकार ने बेघर गरीबों को जमीन देना का निर्णय लिया गया था. हालांकि, सरकार जब किसी गरीब को जमीन या घर देती है, तो बहुत से लोगों को परेशानी होती है ये आम बात है.
दरअसल, कश्मीर में प्रशासन ने भूमि-से-भूमिहीन नीति के तहत गरीब और भूमिहीन लोगों को जमीन देना का फैसला किया है. लेकिन बहुत से लोग इस नीति का विरोध कर रहे हैं, जिनको जवाब देते हुए, मंगलवार को उपराज्यपाल ने कहा, कि जो लोग इस नीति का विरोध कर रहे हैं वे वहीं लोग है जो पिछले 30 सालों में मरने वाले 50 हजार लोगों की मौत के जिम्मेदार हैं.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बहुत से पंचायत सदस्यों के समक्ष कहा कि प्रशासन द्वारा प्रदेश में शुरू की गई भूमि-से-भूमिहीन नीति का विरोध करने वाले लोग ही तीन दशकों में 50 हजार निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश के लगभग दो लाख गरीब परिवारो कों घर देने की स्वीकृती दी है. जिनमें से बहुत से लाभार्थियों ऐसे हैं जिनके पास घर बनाने के लिए भी जमीन नहीं है.
इस कार्यशाला में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए. उपराज्यपाल ने इस मौके पर मेरी पंचायत नामक एक ऐप भी लांच किया.
मनोज सिन्हा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ नेताओं ने भी बयान दिए हैं कि प्रशासन ने गैर स्थानीय लोगों को भी जमीन दी गई है. इसपर एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, 'मैं यहां आए पंचायत सदस्यों से बस इतना पूछना चाहता हूं कि मुझे एक भी गैर स्थानीय व्यक्ति का नाम बताएं, जिसे जमीन दी गई हो। जो लोग ऐसे बयान दे रहे हैं, उनकी वजह से 50 हजार निर्दोष लोग मारे गए हैं.'
इसके अलावा एलजी मनोज सिन्हा ने बीते चार सालों में राज्य में हुए बदलाव पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि लोग सवाल करते हैं कि 4 साल में क्या बदला है? इसपर एलजी ने जवाब देते हुए कहा कि, आज कश्मीर की सड़कों से हिंसा पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. आज कश्मीर के सारे बाजार, दुकानें, स्कूल, हाईवे और कॉलेज खुले हुए हैं. शाम ढलते ही बंद हो जाने वाले रेस्तरां आज के वक्त में रात के 10 बजे तक खुल रहे हैं.