जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा कि पिछले चार से पांच वर्षों में किए गए सुधारों के कारण जम्मू-कश्मीर की जीडीपी 2018-19 में 1.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 2.64 लाख करोड़ रुपये हो गई है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सुशासन, विकास और शांति के पथ पर है.
आरक्षण पर बोले मनोज सिन्हा
अनुसूचित जाति को आरक्षण के बारे में बात करते हुए कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर उसी तरह राजनीति करते रहेंगे जैसे उन्होंने भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध कराने के मुद्दे पर की थी. उन्होंने कहा, ''उन्हें अपना काम जारी रखने दीजिए, हम अपना काम करेंगे".
अकाउंट बजट वोट पर क्या बोले सिन्हा
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के लिए संसद में पेश किए गए अकाउंट बजट पर वोट के बारे में एलजी ने कहा कि यूटी की आर्थिक स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर है. उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर प्रशासन का प्रयास पूंजीगत व्यय को बढ़ाना और राजस्व व्यय को कम करना है".एलजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राजस्व व्यय 80,000 करोड़ रुपये है, जिसका एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन में जाता है, जबकि पूंजीगत व्यय में 11000 करोड़ रुपये से 38000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.