Jammu and Kashmir : जम्मू कश्मीर में वोटिंग के खत्म होने के साथ ही अब सबकी निगाहें 8 अक्टूबर को आने वाले नतीजों की तरफ टिकी हुई हैं. नतीजों का इंतजार वोट देने वालों से ज्यादा, वोटों के लिए संघर्ष करने वाले सियासी लीडरों का ज्यादा है.
सवाल रिजल्ट का भी नहीं है...आखिर जीत हो भी जाती है तो कौन बनेगा अगला मुख्यमंत्री इसे लेकर भी कई सवाल सियासी गलियारों में घुम रहे हैं... नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जो पहले सीएम फेस के साथ चुनाव में उतरें थे... इस बार वो भी बिना सीएम फेस के हैं.
चुनाव में अपने सबसे बेहतरीन परफोर्मेन्स का दावा करने वाली बीजेपी भी बिना सीएम फेस के उतरी है. तो हमारी चर्चा का फोकस आज सीएम फेस ही है क्योंकि नतीजे तो आयेंगे और नतीजे कुछ भी हों, किसकी सरकार होगी और कौन सीएम होगा ? ये विश्लेशण करना बहुत ही जरूरी है...
बात करें, NC-कांग्रेस गठबंधन की, अगर एलायंस जीतता है तो उमर अब्दुल्ला सीएम बन सकते हैं. वहीं, अगर बीजेपी अपने दम पर नतीजे हासिल करती है तो रविन्द्र रैना का नाम भी सियासी गलियारों में CM फेस के तौर पर देखा जा सकता है. लेकिन पॉलिटीकल एक्सपर्ट्स इस बात को नहीं मानते कि बीजेपी बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर पायेगी. उनका मानना है कि उनको गठबंधन की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में गठबंधन का सीएम कौन होगा ये अभी से कहना जल्दबाजी होगी. जिसको लेकर, सियासी लीडरान का सबसे बड़ा आखड़ा बना हुआ है सोशल मीडिया. जहां हर पार्टी अपना शक्ती प्रदर्शन कर रही है. हाल में इल्तिजा मुफ्ती ने एंलायस की सरकार बनने का दावा पेश किया. पीडीपी का सीएम बनने की बात कही...
गौरतलब है कि 2014 में 10 साल पहले बीजेपी और पीडीपी एलांयस की सरकार बनी थी. BJP और PDP का यह एलांयस तीन साल तक चला और उसके बाद प्रेसिडेंट रूल लग गया...
आपको बता दें, पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने एक्स पर एक पोस्ट किया कि नतीजे भले ही आठ को आएंगे, लेकिन शतरंज का खेल उससे पहले ही शुरू हो चुका है. यह सब मीडिया की चकाचौंध से दूर होगा. उन्होंने आगे लिखा कि कश्मीर में चिनार के पेड़ों के अलावा कुछ भी सीधा नहीं है.
वहीं, श्रीनगर के एक्स मेयर जुनैद भट्ट ने लिखा कि पहलगाम में नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला और बीजेपी के सीनियर लीडरों के बीच मीटिंग हुई है. दोनों के बीच सीएम फेस को लेकर चर्चाएं हुई हैं. जम्मू कश्मीर के लिए लगभग सभी पार्टियों के बड़े लीडरान ने चुनावी रैलीयों में जनता को संबोधित किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन 51 और 31 सीटों पर इलेक्शन लड़ रहे हैं. इससे यह पता चलता है कि कांग्रेस CM फेस से बाहर है और वो अपनी नजर डिप्टी सीएम फेस पर बनाए हुए है. अगर एलायंस की सरकार बनी तो कांग्रेस कम सीटों के साथ डिप्टी सीएम पद लेने के लिए मजबूर होगी. जाहिर सी बात है सीएम की दौड़ अब तेज होने के साथ ही अपने आखरी पड़ाव पर है जिस पर विराम 8 तारीख को लग जाएगा...