जम्मू-कश्मीर: शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए सिर्फ बाहरी तौर पर ही उसे साफ और स्वच्छ रखना जरूरी नहीं, बल्कि अंदरूनी साफ-सफाई भी उतनी ही जरूरी है। जिसे डिटॉक्सिफिकेशन कहा जाता है। तो अगली बार, जब आप डीटॉक्स कराना चाहें, तो जम्मू-कश्मीर की लोकल आयुष डिस्पेंसरी में जा सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में आयुष डिस्पेंसरियों को नये तरीके से सुधारा जा रहा है। यहां नए हर्बल गार्डन, योग सेंटर और काउंसलिंग सेंटर बना कर आयुष डिस्पेंसरियों को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा रहा है।
बनेंगे 442 वेलनेस सेंटर
जम्मू-कश्मीर के लोगों की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए, सरकार 442 डिस्पेंसरियों को वेलनेस सेंटर में तब्दील कर रही है।
जम्मू-कश्मीर आयुष के डायरेक्टर, डॉ. मोहन सिंह ने बताया कि “जम्मू-कश्मीर में हमारी 517 डिस्पेंसरियां हैं, जिनमें से 442 डिस्पेंसरियों को वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा रहा है। वेलनेस सेंटर में लोगों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद होंगी। कोई भी व्यक्ति हमारे हेल्थ एंड फिटनेस प्रोग्राम में शामिल हो सकता है।”
इन वेलनेस सेंटर की ख़ासियत- हर्बल गार्डन
उन्होंने बताया कि, “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हम हर्बल गार्डन बनाएंगे। इन बगीचों में जड़ी-बूटियाँ और मेडिसिनल झाड़ियाँ उगाएँगे, जो हमारे मरीज़ों के लिए ख़ास होंगी। हालाँकि, अगर हमारी डिस्पेंसरी में जगह नहीं है, तो हम इन हर्बल गार्डन्स को पंचायत घरों या बाकि की खाली जगहों पर लगाएंगे। अगर जगह की कमी होगी, तो हम इन जड़ी-बूटियाँ और झाड़ियाँ को गमलों में उगाएँगे। ”
सरकार लोगों के स्ट्रैस से छुटकारे और बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करने के लिए योग पर भी फोकस कर रही है। डॉ. मोहन सिंह बताते हैं कि “हम इन सेंटरों में योग ट्रेनर रख रहे हैं। जो लोगों को योग सिखाएंगे। हम ज़रूरत की सारी बुनियादी चीजों के साथ डिस्पेंसरियों में योगा हॉल बना रहे हैं। और अगर हमें जरूरत पड़ी तो हम लोकल बाशिदों में से ही ट्रेनर्स को रखेंगे।''
उन्होंने बताया कि, सरकार हर डिस्पेंसरी के बुनियादी ढांचे को ठीक करने के लिए, 15 लाख रुपये खर्च करेगी। “हम अपनी डिस्पेंसरियों में इलाज़ की बेहतरीन सुविधाएं देंगे। और ये हमारी डिस्पेंसरी में आने वाले मरीज़ों के लिए एक फुल पैकेज होगा। ”
जम्मू-कश्मीर बनेगा वेलनेस टूरिज़्म हब
सरकार अपने इस प्रोजेक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर को वेलनेस टूरिज्म हब बनाना चाहती है। जिसके लिए पहलगाम, सोनमर्ग, श्रीनगर, गुलमर्ग, कटरा और पटनीटॉप के अलावा बाकि टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर भी वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। ताकि टूरिस्ट अपने घरों के लिए रवाना होने से पहले यहां आकर डिटॉक्स करने का लुत्फ उठा सकें।
इन सेंटर्स में आने वाले मरीजों को हर तरह से ठीक करने के लिए, पंचकर्म, रेजिमिनल थेरेपी, योग और कपिंग जैसी सुविधाएं होंगी।
सरकारी आंकड़ों की माने तो पिछले साल लगभग 27 लाख टूरिस्ट कश्मीर घूमने आए थे। और इस साल भी घाटी में बहुत सारे टूरिस्ट आने की उम्मीद की जा रही है। साल 2023 के पहले दो महीनों में 2.5 लाख से ज़्यादा टूरिस्ट कश्मीर का दौरा कर चुके हैं और हर रोज़ इनकी तादाद रही है।