सैय्याहों को अपनी ओर खींचता है तैरता पोस्ट ऑफिस, डल झील में रह रहे लोग दूर देश भेजते हैं पैग़ाम

Written By Nitin Kumar Last Updated: Aug 25, 2022, 02:34 PM IST

Floating Post Office: एक वक़्त था जब लोग ख़त से अपने लफ़्ज़ों को ही नहीं बल्कि एहसास को भी पिरोया करते थे. इन ख़तों की मदद से अपनी ख़ुशी और ग़म की कहानियों के साथ, ढेर सारा प्यार भी आपस में बांटते थे. ग़ौरतलब है कि बदलते वक्त के साथ बदलती तकनीक की वजह से लोग ख़त से होते हुए कम्प्यूटर और स्मार्ट फोन से ईमेल और वीडियो कॉलिंग तक आ पहुंचे हैं लेकिन इसके बावजूद आज भी पोस्ट ऑफिस की अहमियत कम नहीं हुई है. आज भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क मौजूद है. नई टैक्नोलॉजी ने चिट्ठियों पर बेशक असर डाला है पर भारत सरकार ने बहुत तेज़ी से पोस्ट सर्विस को भी नई  शक्ल दी है. इसके ज़रिए सरकारी स्कीमों को भी घर-घर पहुंचाया गया. आज के समय में सड़कों पर GPS से लैस डाक गाड़ियां हैं. इसी के साथ ही मोबाइल ऐप भी शुरू किये गए हैं. 

जन्नत का पोस्ट ऑफिस

एक तरफ जहां दुनियाभर में डाक सर्विसेज़ सिमट रही हैं वहीं इंडियन पोस्ट सर्विस भी इसको बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह की खोज कर रही हैं. इसी खोज से जुड़ा एक अलग तरह का पोस्ट ऑफिस खोला गया जो आज एक टूरिस्ट स्पॉट बन चुका है. इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं. बता दें कि ये अनोखा पोस्ट ऑफिस ज़मीन पर जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर में मौजूद है. कश्मीर की वादियों के साथ अब इस पोस्ट ऑफिस का भी ज़िक्र किया जाता है. डल झील में तैरता ये पोस्ट ऑफिस आपको एक अलग एहसास देगा. वादियों में रह रहे लोग इसी डाकघर से अपनों को दूर-दूर तक ख़त भेजते हैं. 

नेहरू पोस्ट से बना फ्लोटिंग पोस्ट

रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीनगर में 9 साल पुराना एक पोस्ट ऑफिस था जिसकी हालत काफी खस्ता थी. कहा जाता है कि उस समय यहां के पोस्टमास्टर जनरल जॉन सैम्युअल थे. उन्होंने कई कोशिशों के बाद डाकघर की काया पलट दी. उन्होंने इसकी साफ-सफाई कर एक नया लुक दे दिया साथ ही पुराने नाम 'नेहरू पार्क पोस्ट ऑफिस' की जगह 'फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस' (Floating Post Office) रख दिया. जिस वजह से आज ये डल झील का एक फेमस टूरिस्ट प्लेस बन चुका है.