Jammu and Kashmir: केवल सुप्रीम कोर्ट ही बचा सकता है संविधान को- महबूबा मुफ्ती

Written By Last Updated: Aug 02, 2023, 07:41 PM IST

जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त करने वाले केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू कर दी है. वहीं, इस पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेत्री महबूबा मुफ्ती का एक बयान सामने आ रहा है. महबूबा मुफ्ति ने कहा कि, "सुप्रीम कोर्ट देश में एकमात्र ऐसी संस्था बची है जो भारत को संविधान के अनुसार चला सकती है. 

'सुप्रीम कोर्ट पर टिकी है पूरी दुनिया की नजर'

महबूबा मुफ्ती की ये टिप्पणी आज तब आई जब सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 पर केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी कार्यालय में एक बैठक की और उसमें उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया की नजर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई पर टिकी हुई है.

महबूबा मुफ्ती बोलीं?

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि "पूरी दुनिया जानती है कि एक मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद 1947 में हमने द्विराष्ट्रीय सिद्धांत को नकार कर एक लोकतांत्रिक और सेक्युलर भारत का साथ चुना. हमने भारत को अपनाया. भारतीय संविधान के तहत हमें ख़ास पहचान की सुरक्षा की गारंटी दी गई थी. ये गारंटी हमें चीन, पाकिस्तान या किसी दूसरे पड़ोसी मुल्क ने नहीं दी थी. बल्कि हमें हमारे भारतीय संविधान ने, हमारे राष्ट्रीय संविधान ने यह गारंटी दी थी."

सुप्रीम कोर्ट ही बचा सकता है संविधान को - महबूबा

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट को यह देखना होगा कि देश में दूसरे संस्थानों को कैसे नष्ट कर दिया गया है और अब सुप्रीम कोर्ट ही एकमात्र संस्था है जो भारतीय संविधान को बचा सकती है." महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि "भाजपा न केवल संसद में अपने प्रचंड बहुमत के आधार पर संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों सहित हर चीज की अनदेखी कर रही है. बीजेपी ने दिल्ली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक अध्यादेश लाया जो असंवैधानिक है."  महबूबा ने कहा कि संविधान की महिमा को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट को कड़ा रुख अपनाना होगा.

'पूरे देश में मणिपुर जैसी स्थिति पैदा करना चाहती है बीजेपी'

आर्टिकल 370 की याचिकाओं पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, " सुप्रीम कोर्ट को भाजपा के एजेंडे और संविधान के बीच फैसला करना है. उन्होंने कहा कि इस मामले में केवल दो पक्ष हैं या तो आप भारत के संविधान और जम्मू-कश्मीर के लोगों को दी गई गारंटी के साथ हैं या भारत के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को यह तय करना होगा कि यह देश भारत के संविधान के हिसाब से चलेगा या भाजपा के कम्यूनल  एजेंडे के हिसाब से. इसके साथ उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि भाजपा पूरे देश में मणिपुर जैसे हालात दोहराने की कोशिश कर रही है.