Terrorists Attack in J&K: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag Encounter) में लगभग 7 दिनों तक आतंकियों (Terrorists) और आर्मी (Indian Army) के बीच चली मुठभेड़ खत्म हो चुकी है. ऐसे में कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों (Security Analyist) का मानना है कि आतंकियों ने आपने हमलों और कार्य शैली (Terrorist Attack Pattern) में बदलाव किया है. उन्होंने इस ओर इशारा किया कि आतंकी अब शहरों में सामने से हमला करने वाली रणनीति को छोड़, जंगल वॉरफेयर (Jungle Warfare) की प्लानिंग कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण, अनंतनाग एनकाउंटर (Anantnag Encounter) भी है.
गौरतलब है कि साल 2017 से सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर आतंकवादियों को सोशल मीडिया फिगर न बनने देने की रणनीति अपनाई थी. एजेंसियों ने साल 2016 में हिजबुल के आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी को ढेर करने के बाद से कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट (Operation All Out) शुरू किया. इस ऑपरेशन में एजेंसियां (Security Agencies) हर एक आतंकी संगठन के मोस्ट वांटेड आतंकियों और उनके आकाओं को ढेर कर रही है.
शहरों में बढ़ाई गई सुरक्षा
NIA और SIA समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने साल 2019 के बाद से आतंक विरोधी गतिविधियों को बढ़ा दिया है. एजेंसियों ने प्रदेश के कई इलाकों से आतंकियों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के पूरे नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. जिसकी वजह से आंतवादियों ने जंगल वारफेयर की रणनीति अपनाना शुरू किया है.
हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षाबलों ने शहरों में पेट्रोलिंग और नाकाबंदी पर ज्यादा जोर दिया है. इसी के साथ एजेंसियां शहरे के प्रमुख इलाकों में CCTV और Facial Recognition Technology का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसके जरिए वे हर एक आतंकी की गतिविधि (Terror Movements) पर नजरें बनाए हुए हैं. इसकी मदद से जल्द ही घाटी (Kashmir Valley) को आतंकमुक्त बनाया जाएगा.
आतंकियों ने बदली रणनीति
जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व DGP एसपी वैद के मुताबिक, कश्मीर में वक्त-वक्त पर आतंकियों ने अपनी रणनीति को बदला है. उन्होंने कहा अब से कुछ वक्त पहले तक ये आतंकी टारगेट किलिंग (Target Killing By Terrorists) करने पर जोर दे रहे थे. लेकिन अनंतनाग मुठभेड़ से पता चलता है कि आतंकियों ने अब अपने हमले की प्लानिंग को बदलकर जंगल वारफेयर की प्लानिंग शुरू कर दी है. आपको बता दें कि जंगलों में मौजूद गुफाएं और खढ्डे आतंकियों को छिपने लायक पर्याप्त मौका देते हैं. जिसकी मदद से वे लंबे वक्त तक अपने आतंकी मंसूबों को हवा देते हैं.