Jammu and Kashmir: कश्मीर में शांति चाहती है मोदी सरकार, आतंकियों का होगा सफाया: LG मनोज सिन्हा

Written By Last Updated: Aug 09, 2023, 02:29 PM IST

जम्मू:  अब से लगभग 4 साल पहले कश्मीर से आर्टिकल 370 ख़त्म कर दिया गया था. और हर कोई ये सवाल पूछ रहा है कि, बीते चार सालों में घाटी में क्या बदलाव आए हैं? कश्मीर में चुनाव और लालचौक पर चल रहे कायाकल्प के काम पर जनता के सवालों पर जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बातचीत कुछ यूं है:

लाल चौक पर चल रहा प्रॉजेक्ट क्या है?

श्रीनगर की पहचान श्रीनगर के दिल लाल चौक से होती है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यहां नए सिरे से कायाकल्प का काम चल रहा है. जो कि इस साल 15 अगस्त को पूरा होकर, देश के लिए समर्पित किया जाएगा. श्रीनगर में हम आधुनिक आर्किटेक्चर के साथ निर्माण कर रहे हैं. कश्मीर की संस्कृति को ध्यान में रखते हुए यहां हमने एक पोलो-व्यू मार्केट डिवेलप किया है. आज देश के कई बड़े-बड़े शहर, डेवलपमेंट के हमारे मॉडल को फॉलो करना चाहते हैं. हमने यहां झेलम रिवरफ्रंट डिवेलप किया और डल झील की सफाई और सुंदरता को बढ़ाने के लिए भी काम किया जा रहा है. 

आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद क्या बदला है?

इस पर मनोज सिन्हा ने कहा कि, कश्मीर में स्ट्रीट वायलेंस पूरी तरह खत्म हो गया है. आर्टिकल 370 के हटने से पहले कश्मीर में साल के 150 दिन बंद का कॉल रहता था, जिसकी वजह से स्कूल, बाजार और यातायात सब बंद रहता था. लेकिन आज ये सब इतिहास की बात हो गया है. पहले कश्मीर में लाइट का इंतेजाम नहीं था, लोग अंधेरा होते ही घरों में चले जाते थे,  लेकिन आज कश्मीर के नौजवान रात 9 बजे भी झेलम के किनारे टहलते हुए, गिटार बजाते हुए, मस्ती-मज़ाक करते हुए और बगैर किसी डर के घूमते नज़र आते हैं. आज लोग रात के 9 बजे शॉपिंग करते दिख जाएंगे. कश्मीर में हेल्थ सर्विस भी बेहतर हुई है, यहां 2 एम्स, दो कैंसर इंस्टिट्यूट, 7 नए मेडिकल कॉलेज, बहुत से नर्सिंग स्कूल और हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं. हेल्थ पैरामीटर में भी जम्मू-कश्मीर दूसरे राज्यों से बेहतर कर रहा है.

घाटी में सुरक्षा के कैसे हैं हालात?

आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में यक़ीनन सुरक्षा के हालात में बहुत ज्यादा सुधार आया है. हल ही में, 34 साल बाद श्रीनगर से मोहर्रम का शांतपूर्वक जुलूस का निकलना, इसका एक बेहतरीन उदाहरण है. घाटी में आतंकवादी हलचलें भी कम हुईं हैं. आज लोग खु़द को सेफ महसूस कर सकते हैं। 

कब होंगे विधानसभा चुनाव?
 
हाल ही में, गृह मंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया था कि कश्मीर में सबसे पहले डीलिमिटेशन होगा, फिर चुनाव और ठीक वक्त आते ही स्टेटहुड. कश्मीर में डीलिमिटेशन हो गया है. नई मतदाता सूची भी तैयार की जा चुकी है. अब निर्वाचन आयोग जब भी चुनाव कराने का निर्णय लेगा, जम्मू-कश्मीर प्रशासन भी उसका पालन करेगा.