Jammu and Kashmir: लोकसभा में जम्मू और कश्मीर अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित हो गया है. जिसके तहत पहाड़ी भाषी लोगों को ST (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा दिया गया है. ऐसे में, जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ में एहतियातन तौर पर इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है.
गौरतलब है कि अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर राजौरी और पुंछ में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही नेताओं और प्रभावशाली लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
आपको बता दें कि मंगलवार को लोकसभा द्वारा पारित विधेयक में क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की सूची में गाड़ा ब्राह्मण, कोहली, पादरी जनजाति और पहाड़ी जातीय समूह शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, राजौरी और पुंछ में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से निलंबित कर दी गई हैं. जबकि अधिकारियों का कहना है कि कानून और व्यवस्था में किसी भी संभावित व्यवधान को रोकने के लिए इंटरनेट स्पीड कम कर दी गई है.
बता दें कि प्रशासनिक अधिकारी घाटी के इन इलाकों में किसी भी उकसावे को रोकने के लिए, राजनेताओं की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं. अधिकारियों को आशंका है कि घाटी के पीर पंजाल इलाके में Law and Order की समस्या पैदा हो सकती है.
जम्मू-कश्मीर अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 को लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद, बुधवार को ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाना है. बता दें कि प्रस्तावित कानून आधिकारिक तौर पर गड़ा ब्राह्मणों, कोहली, पादरी जनजातियों और पहाड़ी जातीय समूहों को जम्मू और कश्मीर में अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देता है.
आप को बता दे कि गुज्जर-बकरवाल समुदाय से जुड़े लोग पहाड़ियों को एसटी का दर्जे का विरोध करते आ रहे हैं. इसे लेकर समय-समय पर रैली, रोष-प्रदर्शन किए जाते रहे हैं. ऐसे में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया गया है.