Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के इलाकों के आर्थिक विकास के लिए भारतीय सेना लगातार नए कदम उठा रही है. ऐसी कड़ी में बुधवार को सेना की राष्ट्रीय राइफल्स ने राजौरी जिले में बॉर्डर पर मौजूद पुखरनी गांव में एक दूध की फैक्ट्री का उद्घाटन किया. दरअसल, गांव के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और स्थानीय बाशिंदों को सशक्त बनाने के लिए सेना के इस कदम को सराहनीय माना गया है.
आपको बता दें कि राष्ट्रीय राइफल्स ने ऑपरेशन सद्भावना के तहत गांव के निवासियों को आत्म-निर्भर बनाने और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए यह पहल की है.
वहीं, बुधवार को पुखरनी की महिलाओं द्वारा इस दूध के कारखाने का उद्घाटन किया गया. बता दें कि इस दूध फैक्ट्री के स्थापित हो जाने से इलाके के डेयरी किसानों के दूध उत्पाद की खपत और उससे बनने वाले प्रोडक्ट्स को बेचना आसान होगा. जिससे इन डेयरी किसानों की नौशेरा और राजौरी जैसे शहरों पर निर्भरता कम हो जाएगी.
बता दें कि पुखरनी में दूध फैक्ट्री की स्थापना का एक दिलचस्प पहलू महिला सशक्तिकरण भी है. दूध का ये कारखाना इलाके की 20 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार प्रदान करेगा. डेयरी उत्पादन श्रृंखला में महिलाओं को सक्रिय रूप से शामिल करके, सामाजिक परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करने के अलावा, भारतीय सेना का लक्ष्य एक अधिक समावेशी और प्रगतिशील समाज के लिए उनकी आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाना है.
गौरतलब है कि इस परियोजना का फोकस सिर्फ आर्थिक विकास नहीं है, बल्कि इस इलाके के गुज्जर और बक्करवाल समुदाय को शामिल करना भी है. जिसमें भारतीय सेना ने पुखरनी के चुनौतीपूर्ण इलाके में डेयरी फार्मिंग की जटिलताओं को समझने के लिए गुज्जर समुदाय के साथ सहयोग किया है. ऑपरेश सद्भावना, सेना और इलाके की स्थानीय आबादी के बीच तालमेल और सहयोग को बढ़ावा देने का एक बड़ा प्रमाण है.
बुधवार को दूध कारखाने के उद्घाटन समारोह में किला धराल के बीडीओ, गौसेवा के सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फैज़ खान, सरपंच, पंच, सहायक रजिस्ट्रार, लंबरदार और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.. जिन्होंने इस पहल को और भी आगे ले जाने और इसके विकास में सहायता करने के लिए भविष्य में अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया.