G20 के वर्किंग टूरिज्म ग्रुप की बैठक हुई संपन्न हर किसी को पसन्द आई कश्मीर की मेहमान नवाज़ी
तीन दिनों तक चलने वाली टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक में वो सब कुछ योजनानुसार हुआ जैसा सोचा गया था। पाकिस्तान और चीन की घड़ियाली आंसू को दरकिनार करते हुये दुनिया के देशों ने माना की कश्मीर में अमन और शांति पूरी तरह से कायम है। किसी भी तरह के प्रोपेगेण्डा को किसी भी विदेशी मेहमान ने कोई तरजीह नहीं दी । दुनिया में कश्मीर को लेकर एक पॉजटीव संदेश लेकर संपन्न हुआ G20 क्योंकि यहां पर आये हुए विदेशी मेहमानों ने आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद के कश्मीर को और उसमें आये बदलाव को देखा और विदेशी मीडिया के जरिए दुनिया के सामने रखने की कोशिश की है।
Latest Photos
जम्मू और कश्मीर : श्रीनगर में G20 समिट की बैठकों का दौर 22 से 24 मई तक था, जो पूरे खुशगवार माहौल में संपन्न हो गया । विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए कई महीनों से जम्मू कश्मीर में तैयारियों का दौर चल रहा था जोकि सीधे तौर पर सरकार और प्रशासन की निगरानी में हो रहा था। खुशी की बात ये है कि कश्मीर की जिस तस्वीर को भारत दुनिया के सामने रखना चाहता था उसे रख पाने में हम पूरी तरह से सफल हो पाये । ये सब मकामी बाशिन्दों की सहभागिता के कारण हुआ जिन्होंने पूरी गर्मजोशी के साथ में मेहमान नवाज़ी की कश्मीरी परंपरा को पूरी तरह से कायम रखा।
तीन दिनों तक चलने वाली टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक में वो सब कुछ योजनानुसार हुआ जैसा सोचा गया था। पाकिस्तान और चीन की घड़ियाली आंसू को दरकिनार करते हुये दुनिया के देशों ने माना की कश्मीर में अमन और शांति पूरी तरह से कायम है। किसी भी तरह के प्रोपेगेण्डा को किसी भी विदेशी मेहमान ने कोई तरजीह नहीं दी । दुनिया में कश्मीर को लेकर एक पॉजटीव संदेश लेकर संपन्न हुआ G20 क्योंकि यहां पर आये हुए विदेशी मेहमानों ने आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद के कश्मीर को और उसमें आये बदलाव को देखा और विदेशी मीडिया के जरिए दुनिया के सामने रखने की कोशिश की है।
इस बैठक में ग्रीन टूरिज्म, डिजिटलाइजेशन, स्किल्स, एमएसएमई और डेस्टिनेशन मैनेजमेंट जैसे पांच प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर डिस्कशन किया गया। ये प्राथमिकताएं टूरिज्म क्षेत्र में परिवर्तन को गति देने और 2030 के सूचीबद्ध सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण आधार हैं।
इसके अलावा एडवेंचर टूरिज्म, सस्टेनेबल टूरिज्म, ईको टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म पर भी चर्चा हुई। इस बैठक के दौरान ड्राफ्ट नेशनल स्ट्रेटेजी फॉर फिल्म टूरिज्म का अनावरण भी किया गया। इतना ही नहीं, बैठक के दौरान आर्थिक विकास के लिए फिल्म टूरिज्म और सांस्कृतिक संरक्षण और फिल्म टूरिज्म के माध्यम से अतुल्य भारत को बढ़ावा देना पर भी पैनल डिस्कशन हुआ।
इसके अलावा कई साइड इवेंट आयोजित किए गए। इस बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री द्वारा श्रीनगर को जी20 की बैठक के लिए चुनने को लेकर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, लगभग चार दशक बाद जम्मू-कश्मीर ने बॉलीवुड के साथ संबंधों को पुनर्जीवित किया है।
फिल्म क्षेत्र में अधिक निवेश और जम्मू-कश्मीर को लोकप्रिय फिल्म शूटिंग पलैस बनाने के लिए 2021 में फिल्म पॉलिसी शुरू की गई है। उप राज्यपाल ने कहा कि प्रशासन स्थायी टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि श्रीनगर में आयोजित थर्ड टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक विदेशी प्रतिनिधियों की उपस्थिति के मामले में सबसे बड़ी रही, क्योंकि यहा आयोजन सिलीगुड़ी और गुजरात में हुई पिछली बैठकों से बड़ा है।
इसमें चीन को छोड़कर सभी जी20 देशों के प्रतिनिधि, संबंधित देशों के पर्यटन उद्योग के प्रतिनिधि और अन्य हितधारकों ने इस आयोजन में भाग लिया। 17 देशों के 57 प्रतिनिधि जी20 बैठक में भाग लेने पहुंचे। यह भारत की ताकत और वसुधैव कुटुंबकम के हमारे प्राचीन मूल्यों को दर्शाता है।
बैठक के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी कहा, कश्मीर के युवा अत्यधिक महत्वाकांक्षी, संवेदनशील और दूरदर्शी हैं, जो इस देश के लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदान किए गए विशाल अवसरों को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में होने वाली यह बैठक और इसके साइड इवेंट जम्मू और कश्मीर के युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा करेंगे। कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में यह सबसे अच्छा समय है।
कश्मीरियों के लिए फायदेमंद साबित होगा आयोजन
बैठक में शामिल विदेशी प्रतिनिधियों ने कहा कि यह बैठक कश्मीर के लिए काफी लाभदायक साबित होगी। खासकर पर्यटन और फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर ने खुद मार्केटिंग में उत्कृष्ट काम किया है और अब यह उनकी (प्रतिनिधियों की) जिम्मेदारी है कि वह अगला कदम उठाएं और उनके क्षेत्र के लोगों के आने-जाने के लिए उक्त स्थलों को बढ़ावा दें।
सुरक्षा के लिए तैनात रहे एनएसजी और मरीन कमांडो
जी20 की बैठक को लेकर श्रीनगर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। विशेष रूप से सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए एनएसजी कमांडो और मरीन कमांडो तैनात किए गए थे। प्रतिनिधियों के रुट को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया था। जगह-जगह पर्याप्त तैनाती की गई थी।