Jammu and Kashmir: सर्दी की शुरूआत के साथ ही गैरमुल्कों से अलग-अलग नस्ल के परिंदों का कश्मीर आना शुरू हो गया है. कश्मीर के वेटलैंड वार्डन अफशान दिवान के मुताबिक अब तक साइबेरिया, चीन, फिलीपींस, ईस्ट यूरोप, सेंट्रल एशिया और जापान से हज़ारों किलोमीटर का सफर तय कर तकरीबन पांच लाख परिंदे कश्मीर के अलग अलग वेटलैंड ऐरियाज़ में पहुंच चुके हैं.
गांदरबल में शालबग वेटलैंड रेंज ऑफिसर अशरफ कबली का कहना है कि इस साल कश्मीरी वेटलैंड्स में 10 से 13 लाख परिंदों के आने की उम्मीद है. वहीं, बीते साल इन परिंदों की तादाद 12 लाख रिकॉर्ड की गई थी.
आपको बता दें कि दूसरे देशों से आए इन परिंदोंल (Migratory Birds) में मोनाल, बटेर, हिमालयी बुलबुल, तीतर, किंगफिशर आदि शामिल हैं. कश्मीर में आने वाले इन परिंदों के आने का सिलसिला अक्तूबर से ही शुरू हो जाता है.
जिन इलाकों से ये परिंदे कश्मीर के लिए रवाना होते हैं, वहां सर्दियों में पारा माइनस तीस से चालीस डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. जबकि इस अर्से में कश्मीर का मौसम साइबेरिया जैसे ठंडे इलाकों के बनिस्बत इन परिंदो के लिए ज्यादा आरामदायक साबित होता है.
कश्मीर में आने वाले ये गैरमुल्की परिंदे यहां मार्च के महीने तक रहते हैं. सर्दियों में सैयाहों की दिलचस्पी की बड़ी वजह बाहर से आने वाले ये गैरमुल्की परिंदे भी होते हैं.
इसको लेकर शालबग वेटलैंड रेंज ऑफिसर ने बताया कि इन परिंदों की हिफाज़त के लिए कंट्रोल रूम क़ायम किए गए हैं.