Farooq Abdullah: नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने सरकार द्वारा अलग-अलग संस्थानों के नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर भड़क उठे. फारूक अब्दुल्ला ने बताया कि केंद्र सरकार जवाहर लाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला जैसे ऐतिहासिक पुरूषों के नाम पर रखे गए संस्थानों और इमारतों के नामों को तो बदल रही है. लेकिन वो उन्हें इतिहास के पन्नों से नहीं मिटा सकती है. फारूक अब्दुल्ला ने सरकार पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या ये सरकार शेख अब्दुल्ला (Sheikh Abdullah), महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और जवाहरलाल नेहरू (JL Nehru) के नामों तो इतिहास से मिटा सकती है? फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार ने सिलेबस से मुगलों और मुगल शासन के चेप्टर को तो हटा दिया, लेकिन वे असल इतिहास से मुगलों को कैसे हटाएंगे?
क्या बोले अब्दुल्ला?
इसके अलावा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब हमारे बच्चे ताजमहल को देखेंगे और पूछेंगे कि ताजमहल को किसने बनवाया? तो हम उन्हें क्या जवाब देंगे? नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला के नाम पर बनाए गए प्रोजेक्ट्स का नाम बदले जाने पर सवाल किए जाने पर उन्होंने जवाब दिया कि शेख मोहम्मद अब्दुल्ला लोगों के दिलों में हैं और उन्हें लोगों के दिलों से नहीं हटाया जा सकता.
कन्वेंशन सेंटर से हटाया गया 'शेर' नाम
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला के लोकप्रिय नाम ‘शेर’ को प्रशासन ने कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से हटा दिया है. जिसके बाद फारूक अब्दुल्ला ने सरकार पर तंज किया है. बीती 14 अगस्त को सरकार ने ऑफिशियल तौर पर दिल्ली के नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदल दिया. अब से उसका नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी होगा.