Farooq Abdullah: बीते बुधवार को लोकसभा में पारित महिला आरक्षण बिल पर कश्मीर के दिग्गज नेता और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष और फारूक अब्दुल्ला ने इस बिल की तारीफ की. फारूक अब्दुल्ला ने सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया. अब्दुल्ला ने न केवल बिल की तारीफ की बल्कि इसपर उन्होंने केंद्र सरकार को हिदायत भी दे डाली. उन्होंने कहा कि वैसे तो ये बिल देश की महिलाओं के हित में ही है लेकिन इसमें OBC महिलाओं को विशेष कोटा भी मिलना चाहिए था. अब्दुल्ला ने कहा कि "मुझे लगता है कि महिला आरक्षण विधेयक एक अद्भुत विधेयक है. करीब 15 साल से हम अपनी महिलाओं को उनके अधिकार मिलने का इंतजार कर रहे हैं. केवल एक चीज जो मैं कहूंगा वह गायब है वह है ओबीसी महिलाओं को आरक्षण के दायरे में शामिल नहीं करना. ओबीसी महिलाओं को भी इस विधेयक से लाभ मिलना चाहिए.''
फारूक ने आगे कहा कि ''हमारी सभी महिलाओं को एक समान दर्जा दिया जाना चाहिए और उनके साथ उचित व्यवहार किया जाना चाहिए. देश उतना ही उनका है जितना और किसी का है.''
गौर करने वाली बात ये है कि इस बिल के पक्ष में विपक्षी नेताओं ने भी समर्थन दिया. बिल के विरोछ में सिर्फ दो सांसदों न ही वोट किया. हालांकि विपक्ष ने महिला आरक्षण बिल को लागू करने पर भाजपा की एनडीए सरकार की मंशा पर शक जताया. विपक्षी दलों का कहना है कि महिला आरक्षण बिल को सिर्फ और सिर्फ देश की जनगणना और परिसीमन होने के बाद ही लागू किया जा सकता है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि इस बिल को पास करने के पीछ केंद्र की भाजपा सरकार साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में महिलाओं का वोट बटोरने की ही वजह है. वहीं उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल को जल्द से जल्द लागू करे.
आपको बता दें कि, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ही नए संसद भवन में बुलाई गई पहली बैठक में ही इस विधेयक को पेश किया था. गौरतलब है कि संसद ने इस बिल का नाम "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" रखा है. सदन में इस ऐतिहासिक बिल को पेश करते हुए अर्जुन राम मेघवाल बोले कि ''यह बिल महिला सशक्तिकरण से संबंधित है. संविधान के अनुच्छेद 239एए में संशोधन करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी."
मेघवाल ने दावा किया कि संसद के दोनों सदनों में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के पास हो जाने के बाद लोकसभा में महिलाओं की सीटें बढ़ जाएंगी. जोकि बढ़कर 181 हो जाएगी. गौरतलब है कि इस बिल के पास हो जाने से न केवल लोकसभा बल्कि राज्यों की विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएंगी. वहीं, आज इस बिल को राज्यसभा के समक्ष पेश किया जाएगा.