Farooq Abdullah On Kashmir Issue: 'भारत और पाकिस्तान नेक इरादों से करें बात', 15 अगस्त से पहले फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान...

नेशनल कॉन्फ्रेंस के बड़े नेता फारूक अब्दुल्ला बोले, कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान ईमानदारी से करें बातचीत.

Farooq Abdullah On Kashmir Issue: 'भारत और पाकिस्तान नेक इरादों से करें बात', 15 अगस्त से पहले फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान...
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Farooq Abdullah: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कश्मीर में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत निकाली जा रही तिरंगा यात्रा बर बड़ा बयान दिया. फारूक अब्दुल्ला बोले कि कश्मीर में रैलियां आयोजित करना और बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देना केवल एक तमाशा भर है. कश्मीर के हालात में कोई बदलाव नहीं आए हैं और ये तब तक चलता रहेगा जब तक दोनों ही देश कश्मीर के मुद्दे पर ईमानदारीपूर्वक बातचीत नहीं करते. वे बोले कि इस बातचीत के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों के ही दिल साफ होने चाहिए.

मीडियाकर्मियों द्वारा किए गए सवाल, "कश्मीर में बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा और कश्मीर घाटी में तिरंगा रैलियों के जरिए, कश्मीर के हालात बदले?" इस पर जवाब देते हुए वो बोले कि ये सब केवल दिखावा है. अब्दुल्ला ने कहा, "भारत और पाकिस्तान को नेक इरादों से बात करनी चाहिए, क्योंकि युद्ध से कोई मसला हल नहीं होता."

कश्मीर पर ईमानदारीपूर्वक बात हो
फारूख अब्दुल्ला ने कहा, "जब तक दोनों देश कश्मीर मुद्दे पर ईमानदारी से बात नहीं करते, तब तक यह सब दिखावा है. यह तमाशा तब तक चलता रहेगा, जब तक दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं हो जाती."

सरकार के दावों पर सवाल उठाए 

फारूख अब्दुल्ला ने घाटी में हालातों के नॉर्मल होने के सरकारी दावों पर सवाल खड़े करते हुए कहा, कि अगर घाटी में सब कुछ शांत है, तो यहां आतंकवादी क्यों हैं? आए दिन गोलियां क्यों चल रही हैं? सेना के जवान और आम लोग क्यों मारे जा रहे हैं?

बातचीत ही एक समाधान
फारूख अब्दुल्ला ने सवाल उठाया कि, "अगर कश्मीर में वास्तव में शांति है तो ऐसा क्यों हो रहा है? ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें (पाकिस्तान) लगता है कि इसका समाधान अभी तक नहीं हुआ है. उन्हें कौन समझाएगा कि केवल बातचीत से ही मुद्दों का समाधान होगा. यूक्रेन में देखा जा सकता है कि युद्ध से क्या होता है."


'युद्ध से नहीं होगा कुछ भी हासिल' 
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव पर बात करते हुए उन्होंने यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि, यूक्रन युद्ध की वजह से यूरोप में आर्थिक संकट आ चुका है. वहां कौन मार रहा है? यूक्रेन के ही लोग मर रहे हैं. इस युद्ध से उन्हें क्या हासिल होगा? क्या इससे बॉर्ड बदल जाएगा? इसलिए भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को इस बात से सबक लेकर यह ध्यान देना होगा कि युद्ध से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला. सिर्फ बातचीत से ही दोनों के मुद्दों का समाधान होगा.

'बॉर्डर खोले जाएं'
अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि, "हम चाहते हैं कि बॉर्डर खोले जाने चाहिए ताकि हम कश्मीर का वो हिस्सा भी देख सकें जो उनके पाकिस्तान के अधीन है. तभी हम मानेंगे कि वहां असल शांति है."

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