Jammu and Kashmir: पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुख अबदुल्ला ने संसद में हुए हमले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. दरअसल, बीते दिनों संसद में हुई सुरक्षा चूक के मामले में फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि शुक्र है कि संसद में सेंध लगाकर घुसने वाले बेरोजगारी, महंगाई सहित अन्य मुद्दों का तर्क देने के लिए वहां पहुंचे थे. अगर उनकी जगह कोई जहरीली गैस या फिर बम लेकर आ जाता, तो वहां न जाने कितने सांसदों की जान चली जाती.
संसद की सुरक्षा पर किया सवाल तो सांसद निलंबित
गौरतलब है कि संसद से 146 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. ऐसे में सांसदों के निलंबन पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार एक तरफ कहती है कि देश का नया पार्लियामेंट सुरक्षा की दृष्टि से सिक्योर (Secure) है. चूंकि सुरक्षा का जिम्मा गृह मंत्रालय का है. जिसपर विपक्ष के तमाम सांसद यही मांग कर रहे थे कि गृहमंत्री अमित शाह से इसपर स्थिति स्पष्ट करें. लेकिन जवाब देने के बजाय विपक्ष के सभी सांसदों को ही निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में संसद में सुरक्षा चूक का जिम्मेदार कौन है?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारुख शुक्रवार सुबह कठुआ के लखनपुर पहुंचे. जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कश्मीर में अलग-अलग मुद्दों पर बात की. उन्होंने आर्टिकल 370 पर कहा कि कश्मीर में हर घर के सामने एक सिपाही मार्डन बंदूक लेकर खड़ा है. जिस दिन बंदूक हटी तो देखना कैसे पत्थर पड़ेंगे. उन्होंने कहा, ये पत्थर मेरे सिर पर भी पड़ेंगे. उन्हेंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा के लोग कहते थे कि धारा 370 आतंकवाद की जिम्मेवार है, कश्मीर रियासत आर्टिकल 370 की वजह से बैकवर्ड हो चुकी है. लेकिन देखा जाए तो घाटी में आतंकवाद आज भी कम नहीं हुआ है. जम्मू-कश्मीर में आए दिन आतंकी हमलों में हमारे जांबाज सिपाही शहीद हो रहे हैं.
कश्मीर गुजरात से ज्यादा विकसित
इसके अलवा डॉ अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 और कश्मीर के विकास का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भाजपा कहती है कि कश्मीर रियासत आर्टिकल 370 की वजह से बैकवर्ड हो चुकी है. अगर ऐसे है तो पूर्व में विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने इसपर संसद में जम्मू कश्मीर और गुजरात रियासत का मिलान कर आंकड़े पेश किए थे. उस समय भी जम्मू कश्मीर तरक्की के लिहाज से गुजरात से आगे था.
आर्टिकल 370 पर दायर होगी रिव्यू पिटीशन
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के धारा 370 को लेकर दिए गए फैसले के जबाव में डॉ. फारुख ने कहा कि इसपर रिव्यू पिटीशन को लेकर विचार किया जा रहा है. वहीं, राम मंदिर पर डॉ फारुख ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आगामी कुछ ही दिनों में राम मंदिर खुलने वाला है. लेकिन अब तक उन्हें निमंत्रण नहीं आया है. अगर उन्हें निमंत्रण आता है तो वे भी वहां जरूर जाएंगे.
वहीं, उपराष्ट्रपति की मिमक्री मामले पर भाजपा के विरोध प्रदर्शनों पर बोलते हुए डॉ फारुख ने कहा कि जब उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिटायर होने वाले थे उस समय एक मीटिंग हुई थी. उम समय की सुनिए कि नरेंद्र मोदी उनकी कितनी इज्जत करते थे, हमें यह भी देखना चाहिए.