Kashmir Food Demand: सर्दी बढ़ने के साथ ही कश्मीर में बढ़ी सूखी सब्जियों की मांग...

Written By Vipul Pal Last Updated: Dec 18, 2023, 08:01 PM IST

Jammu and Kashmir: सर्दी बढ़ने के साथ ही कश्मीर में सूखी सब्जियों की मांग बढ़ने लगी है. स्थानीय भाषा में इस होख स्यून (Dry Vegetables) भी कहा जाता है. कश्मीर में होख का मतलब सूखा और स्यून का मतलब सब्ज़ी है. 

आपको बता दें कि सर्दियों के मौसम में आमतौर पर बाहर से आने वाली सब्जियों का कश्मीर में आना बंद हो जाता है. कारण है दिसंबर और जनवरी में बर्फबारी के चलते अक्सर रास्ते बंद रहते हैं. ऐसे में लोगों का सहारा बनती हैं सूखी सब्जियां. इनमें बैगन, लौकी, शलजम, पालक, टमाटर वगैरह शामिल हैं. ये सभी सब्जियां कश्मीर में गर्मियों में उगती है. जहां घर की औरतें इस छोटे स्तर पर, तो कारोबारी लोग बड़े स्तर पर तेज धूप में इन सब्जियों को सुखा कर स्टोर कर लेते हैं. 

चूंकी इन सब्जियों की तासीर गर्म होती है इसलिए कश्मीर मे सर्दी के मौसम में होख स्यून के इस्तेमाल की पुरानी रवायत कायम है. बता दें कि पहले लोग घरों में ही इसे उगाया करते थे, लेकिन अब ये मार्केट में भी उपलब्ध रहती है.    

गौरतलब है कि सर्दियां शुरू होते ही बाजारों में सूखी सब्जियों और उबली हुई मछली की बिक्री बढ़ जाती है. ये सिलसिला दिसंबर से मार्च तक जारी रहता है. बढ़ती हुई मांग और प्रसिद्धी के चलते आज ये बाज़ाब्ता एक कारोबार की शक्ल अख्तियार कर चुका है. वहीं, वादी के सभी बड़े शहरों में इसके लिए नोडल बाजार भी बन चुके हैं.