Indian Army Purchases SATCOM: भारतीय वायुसेना (IAF) और नौसेना (Indian Navy) अपने सभी ऑपरेशन में अपना खुद का सैटेलाइट कम्युनिकेशन टर्मिनल यूज करती हैं. लेकिन भारतीय सेना के सैनिक आज भी बॉर्डर (Borders) एरियाज़ में दूसरों के सेटेलाइट कम्यूनिकेशन नेटवर्क (SATNET) का इस्तेमाल कर रही है. अब जल्द ही सेना का अपना सैटेलाइट टर्मिनल होगा. इसके लिए भारतीय सेना (Indian Army to have it's Satellite System) एक सुरक्षित सैटेलाइट कम्युनिकेशन टर्मिनल खरीदने के लिए एक करार किया है. चीनी सीमा (LAC) और पाकिस्तानी सीमा (LOC) के सुदूर इलाके में मौजूद जवानों को एक बेहतर संचार तंत्र देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाया है.
भारतीय सेना ने अपने संचार तंत्र (Communication System) को मजबूत करने के लिए 160 से ज्यादा मोबाइल सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन टर्मिनल (MSST) खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए सेना ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) के साथ करार किया है. ये कम्युनिकेशन सिस्टम बेहद ही हलका और सूटकेस-आधारित SATCOM Set है. जिसे सेना के जवान लंबी दूरी पर गश्त के दौरान और सर्जिकल ऑपरेशन के दौरान एक सुरक्षित संचार के लिए उपयोग करेंगे.
इस सैटेलाइट सिस्टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के सहयोग से विशेष तौर पर डिज़ाइन किया है. इसकी मदद से दूर-दराज और कठिनाइयों भरे इलाकों में तैनात सैनिकों को संचार चुनौतियों से निपटने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा हमारी पैरा फोर्सेज और स्पेशल फोर्सेज भी इस सिस्टम का उपयोग कर सकेंगी.
अब दूर होंगी सेना की कम्युनिकेशन समस्याएं
आपको बता दें कि भारतीय सेना साल 2025 तक अपना एक सैटेलाइट तैयार करने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा सेना का अपना एक एडवांस और सुरक्षित मोबाइल भी होगा. इस सिस्टम को हैक नहीं किया जा सकेगा.