Jammu and Kashmir : घाटी में भदरवा के थनाला गांव में इचथ्योसिस LAMELLAR के कुछ मामले सामने आने से इलाके के लोग सहमे हुए हैं . गांव के लोग खुश्की, खाज और खुजली जैसे त्वचा रोग से परेशान हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक इचथ्योसिस, एक स्किन डिज़ीज़ (त्वचा संबंधी बीमारी) है . इस बीमारी की अलग-अलग किस्में होती हैं . वल्गेरिस इसकी एक हल्की और आम किस्म है . जिसमें त्वचा में खुश्की, खुजली और पपड़ियां पड़ जाती है .
ऐसे में, थनाला गांव में रहने वाले अरशद के दो बेटे और एक बेटी जन्म से ही इस मर्ज से ग्रस्त हैं . अरशद के बेटे इचथ्यूसिस की दूसरी किस्म लैमेलर से जूझ रहे हैं . इसके लक्षण हैं, जन्म के वक्त बच्चों के पूरे जिस्म पर झिल्ली पड़ी रहती है . एक हफ्ते बाद कोलोडियन झिल्ली हट जाती है . इसकी जगह खुरदरी, काली पपड़ीदार जैसी स्किन निकल आती है . इन बच्चों को सूरज की रोशनी में नहीं रखा जा सकता . गर्मी से कभी कभी स्किन से खून भी निकलने लगता है .
इसपर, डॉक्टर्स का कहना है कि ये 60,000 बच्चों में से किसी एक को ये मर्ज होता है . इस मर्ज को हमेशा के लिए ठीक नहीं किया जा सकता. हालांकि इलाज से मरीज को राहत पहुंचाई जा सकती है .
गौरतलब है कि अरशद अपने तीनों बच्चों को कई डाक्टर्स को दिखा चुका है . पपड़ी पड़ने की वजह से कभी-कभी बच्चों के लिए आंख होंठ बंद करना भी नामुकिन हो जाता है.
वहीं, बच्चों की इस बीमारी की खबर मिलने के बाद, जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है . डोडा के डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह ने कहा कि एक्सपर्ट्स की टीम को थनाला भेजा जा रहा है . उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए हर मुमकिन मदद की जाएगी.
इसके अलावा, जिले के डिप्टी कमिश्नर ने लोगों से अपील की है कि मरीजों के साथ सामान्य बर्ताव किया जाए . (Copy - Adeeb Ahmed)