CBI raid:सीबीआई ने किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट रिश्वत मामले में दिल्ली, किश्तवाड़ में 15 जगहों पर मारे छापे

Written By Last Updated: Jan 29, 2024, 03:16 PM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2019 के किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कथित तौर पर रिश्वत लेने पर चल रही जांच के तहत 15 स्थानों पर छापे मारे हैं, जिनमें नई दिल्ली के 14 और जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले में एक स्थान शामिल हैं. चंडीगढ़, जम्मू, और दिल्ली कार्यालयों से सीबीआई की टीमों ने चार प्रमुख रासायनिक कंपनियों पर छापा मारा, जिनमें एएस केमिकल इंडस्ट्री, राज केमिकल इंडस्ट्री, कन्हैया एंटरप्राइजेज, और राज सॉल्वेंट शामिल हैं. इसके अलावा, नई दिल्ली में इन फर्मों के निदेशकों और लेखाकारों के आवासों और कार्यालयों की भी तलाशी की गई है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि छापे के परिणामस्वरूप दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं के साथ लगभग 55 लाख रुपये नकद जब्त किए गए हैं. लक्ष्य बनाए गए लोगों में एएस केमिकल इंडस्ट्री और राज केमिकल इंडस्ट्री से जुड़े लोग शामिल थे, जिनमें सतीश गुप्ता और उनकी पत्नी, साथ ही कन्हैया एंटरप्राइजेज के निदेशक अनिल कुमार और राज सॉल्वेंट के निदेशक सौरभ गुप्ता और मुनीश गुप्ता शामिल थे. अकाउंटेंट अरुण कुमार और सतीश कुमार की भी तलाशी ली गई है. इसके साथ ही, सीबीआई ने किश्तवाड़ जिले में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट पर काम करने वाले जूनियर इंजीनियर ऋषि शर्मा के आवास और कार्यालय की तलाशी ली है. सीबीआई को संदेह है कि किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से संबंधित मनी ट्रेल्स रासायनिक कंपनियों तक पहुंचीं, जिसमें एक जानी-मानी कंपनी के दस्तावेजों से प्रमुख लाभार्थियों को संभावित रिश्वत का संकेत मिला है. चल रही जांच के हिस्से के रूप में धन के लेन-देन का पता लगाने के लिए दस्तावेज़ और बैंक के कागजाद भी एकत्र किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट सहित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. यह मामला वर्ष 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों का लगभग 2,200 करोड़ रुपये का ठेका एक निजी कंपनी को देने में गड़बड़ी के आरोप में दर्ज किया गया था. एफआईआर में टेंडरिंग प्रक्रिया में विसंगतियों का आरोप लगाया गया है, ई-टेंडरिंग के माध्यम से दोबारा टेंडर करने का निर्णय कथित तौर पर बोर्ड के निर्णयों के अनुसार लागू नहीं किया गया, जिसके कारण पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को ठेका दिया गया था. किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट की जांच जारी है, सीबीआई भ्रष्टाचार के किसी भी मामले को उजागर करने और सार्वजनिक धन के आवंटन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए परिश्रमपूर्वक काम कर रही है