लोकसभा ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश में अनुसूचित जाति की सूची में 'वाल्मीकि' को शामिल करने के लिए जम्मू और कश्मीर अनुसूचित जाति आदेश, 1956 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पास किया. लोकसभा ने जम्मू और कश्मीर के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची में "गड्डा ब्राह्मण", "कोली", "पद्दारी जनजाति" और "पहाड़ी जातीय समूह" समुदायों को शामिल करने के लिए एक विधेयक भी उठाया.
पांच जातियों के लिए की गई सिफारिश
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने सदन में विचार और पारित करने के लिए संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश विधेयक 2023 विधेयक पेश किया. जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने सदन में संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया.
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनुसूचित जातियों की सूची में क्रम संख्या 5 पर चुरा, भंगी, बाल्मीकि, मेहतर के पर्याय के रूप में वाल्मिकी समुदाय को शामिल करने की सिफारिश की है.
संविधान के तहत रखा गया प्रस्ताव
भारतीय संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 'वाल्मीकि' को शामिल करने के लिए संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश, 1956 की अनुसूची में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है.
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने "गड्डा ब्राह्मण", "कोली", "पद्दारी जनजाति" समुदायों और "पहाड़ी जातीय समूह" को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने का अनुरोध किया है.
संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश में संशोधन का प्रस्ताव करता है.