Jammu and Kashmir : जम्मू कश्मीर ऋषियों, मुनियों, पीरों-फकीरों की ज़मीन कही जाती है. इस ज़मीन पर अलग-अलग स्थानों पर उन महान हस्तियों की याद मनाने के लिए मेले लगते हैं और बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा होते हैं.
बता दें कि इन मेलों में जम्मू शहर से 15-20 किलोमीटर की दूरी पर किसान बाबा जित्तो की याद में झिड़ी का मेला लगता है जो पूरे एक हफ्ते तक चलता है. जिसमें मुल्कभर से श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं.
ऐसा माना जाता है कि एक ग़रीब किसान जित्तो किसी ज़मीनदार की ज़मीन पर खेती करता था. शर्त ये थी कि जित्तो खेती का एक चौथाई हिस्सा ज़मीनदार को देगा. लेकिन खेती में इज़ाफ़े को देखते हुए ज़मीनदार ने खेती के आधे हिस्से की मांग करना शुरू कर दिया. जित्तो के ये बात न मानने पर ज़मीनदार ने ज़ोर ज़बरदस्ती करना शुरू कर दिया. जिसके बाद किसान जित्तो ने अपनी ही फसल पर ख़ुदकुशी कर ली. जेतमल का अंतिम संस्कार करते वक्त उसकी बेटी भी आग में कूद गई और जलकर भस्म हो गई.
तब, उस वक्त के राजा अजबदेव सिंह ने इस जगह पर मंदिर व समाधि बनवाई और तब से ही हर साल बाबा जित्तो की याद में झिड़ी का मेला लगता है. इस साल भी बाबा जित्तो का मेला लगाया गया है. मेले में खेती-बाड़ी से जुड़ी चीजों के साथ कई तरह के स्टाल लगाए जा रहे हैं. जिला इंतेज़ामिया व पुलिस ने झिड़ी में पार्किग से लेकर अक़ीदतमंदों के लिए लंगर, पानी, साफ-सफाई, सराय वगेरा का पूरा इंतज़ाम किया है. इसके अलावा बच्चों के लिए झूले भी लगाए जा रहे हैं...