Indian Railway: भारतीय रेलवे आजकल आधुनिकता की नई ऊंचाईयों का छू रहा है. स्टेशनों को मोडिफाई करने से लेकर, सेमी हाईस्पीड ट्रेनों के चलाए जाने तक रेलवे में काफी बदलाव आए हैं. जब भी आप ट्रेन में सफर करते हैं तो आपकी ट्रेन रास्ते में आने वाले कई पुलों का पार करती है. वो सारे पुल आम से दिखते हैं लेकिन अब भारतीय रेलवे ने एक अनोखा पुल तैयार कर लिया है. जो न केवल भारत में अलग है बल्कि पूरी दुनिया में अपनी तरह का पहला पुल है. ये है पहला केबल आधारित रेल पुल जो केवल और केवल केबल के सहारे टिका है. जी हां, ये है भारत का पहला केबल ब्रिज. तो आइए पता करते हैं कैसा है ये ब्रिज?
रेल मंत्री ने किया ट्वीट
जम्मू-कश्मीर में देश का पहला केबल आधारित रेल ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. 96 केबल से सपोर्ट पर टिके इस पुल की सारी केबल फिक्स कर दी गई हैं. रेल मंत्री अश्निणी वैष्णव ने इसपर ट्विटर करते हुए वीडियो शेयर किया है और जिसमें पुल का शानदार नजारा दिख रहा है. नदी के तल से करीब 331 मीटर की ऊंचाई पर बने इस पुल की लंबाई 725 मीटर है. आपके ये जानकर हैरानी होगी कि ये पुल पेरिस के आइफिल टावर से भी ऊंचा है. भारत के लिए ये पुल इसलिए बेहद अहम हो जाता है क्योंकि इसके शुरू हो जाने से पूरी कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्से से जोड़ना आसान हो गया है.
रिकॉर्ड टाइम में बनकर तैयार
इस शानदार पुल का नाम अंजी खड्ड ब्रिज है. ये ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट का सबसे अहम हिस्सा है. इस पुल को केवल 11 महीने के रिकॉर्ड टाइम में तैयार किया गया है. यह ब्रिज टी-2 (कटड़ा छोर) और टी-3 (रियासी छोर) दो सुरंगों को जोड़ता है.
पेरिस के आइफिल टावर से भी है ऊंचा
इस पुल को चेनाब की सहायक नदी अंजी के ऊपर तैयार किया गया है. 725 मीटर लंबे इस पुल का 473 मीटर लंबा हिस्सा सिर्फ केबल के सहारे लटका है. इस ब्रिज में एक पिल्लर है जिसकी लंबाई 193 मीटर है. नदी के तल से इस पुल की ऊंचाई 331 मीटर है जोकि आइफिल टावर से भी ज्यादा है.
पुल में क्या है ख़ास?
शुरुआत में इसे चेनाब ब्रिज की तरह एक आर्च ब्रिज जैसा बनाया जाना था. हालांकि, यह इरादा बाद में बदल गया और साल 2016 में इसे केबल आधारित पुल बनाने की बात तय हुई. इस पर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की शानदार रफ्तार से गुजर सकती हैं. ये 213 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं का भी सामना कर सकता है.
इसपर कब दौड़ेंगी ट्रेन?
यह ब्रिज श्रीनगर से होकर गुजरने वाली 326 किलोमीटर लंबी जम्मू-बारामूला रेल लाइन का हिस्सा होगा. इस प्रोजेक्ट को उत्तर रेलवे की देखरेख में हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी और कोंकण रेलवे द्वारा तैयार किया जा रहा है. साल 2024 के मई में इस पुल का उद्घाटन किया जा सकता है, जिसके बाद इसपर ट्रेंने रफ़्तार भर सकती हैं.