Jammu and Kashmir: पार्लियामेंट के विंटर सेशन में जम्मू कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन बिल पर संसद में जमकर बहस हुई. इसपर जवाब देते हुए होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा कि पुरानी सरकारों ने अगर ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियां अदा की होती तो वहां के लोगों को विस्थापित नहीं पड़ता.
आपको बता दें कि पांच दिसंबर को होम मिनिस्टर अमित शाह ने जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन और जम्मू कश्मीर रीआर्गनाइजेशन तरमीमी बिल पेश किया था. अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद ही जम्मू कश्मीर में स्थिति में तब्दीली आई. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है जब दिल्ली में बैठी सरकार ने जम्मू कश्मीर के लोगों की समस्याओं को हल करने को लेकर संजीदगी से काम किया है.
सदन को संबोधित करते हए, अमित शाह ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर के लोगों ने असल आजादी का एहसास किया. वहीं, बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए होम मिनिस्टर ने कहा कि दोनों बिल जम्मू कश्मीर में तरक्की , खुशहाली और अमन की नई इबारत लिखेगा.
गौरतलब है कि इस बिल में जम्मू कश्मीर असेंबली की मौजूदा 83 सीट को बढ़ाकर नब्बे करने की तजवीज़ है. इसमें 7 सीटें शेड्यूल कास्ट और 9 सीट शेड्यूल ट्राइब्स के लिए आरक्षित करने की तजवीज़ है. इसके अलावा कश्मीरी पंडितों के लिए 2 और JKPOK विस्थापितों के 1 सीट रिजर्व करने की तजवीज है.