जम्मू-कश्मीर में रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के तहत सभी सरकारी भवनों में सोलर एनर्जी प्रदान करने का फैसला लिया गया है. जिसके चलते एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किय गया, जिसमे प्रमुख सरकारी विभागों के प्रमुखों ने अपने सुझाव और निर्देशों को साझा किया. मुख्य सचिव ने यहां सोलर पॉवर प्लांट्स की स्थापना के लिए क्या-क्या कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है. इस योजना पर जल्द से जल्द कम करने तक की सारी बातचीत की.
कौन-कौन था बैठक में शामिल?
एक बैठक में विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) के प्रधान सचिव, वित्त के प्रमुख सचिव,विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) के आयुक्त सचिव, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के उप सचिव,कश्मीर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (केपीडीसीएल) और जम्मू विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेपीडीसीएल) के प्रबंध निदेशक के साथ साथ नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) के प्रतिनिधि मौजूद थे.
आपको बता दें इस योजना के अंतर्गत, जम्मू-कश्मीर में सरकारी भवनों को सोलर एनर्जी प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे बिजली की बचत होगी और पर्यावरण को भी लाभ होगा. बैठक के दौरान, प्रमुख सचिव ने सभी संबंधित विभागों को योजना के तहत अपने तय प्लान पर काम होने की गारंटी दी है, इतना ही नही उन्होंने इस कम के लिए नोडल अधिकारियों के चयन की भी बात की. इस मौके पर, मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सोलर एनर्जी को ग्रिड तक पहुंचाने के लिए अधिक उपायों की जरूरत है और उन्होंने इसके लिए विभिन्न विकल्पों की चर्चा भी की.
इसके अलावा, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जम्मू-कश्मीर में 100 प्रतिशत सरकारी भवनों को रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के तहत कवर किया जाएगा. नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) और एमएनआरई ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकारी क्षेत्र में रूफटॉप सोलर की क्षमता और व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए सहमति दी है, इसके साथ ही, विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) के प्रमुख सचिव ने भी सभी संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश देने का निर्देश दिया है ताकि योजना पर पूर्ण रूप से अमल किया जा सके.