Jammu and Kashmir News: आज से पूरे 76 साल पहले भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय हुआ था. 26 अक्तूबर 1947 के तारीख में कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय करने का फैसला किया था. इसके बाद से ही जम्मू कश्मीर की जनता 26 अक्टूबर को विलय दिवस के रूप में मनाती है. इतिहासकारों और राजनेताओं के मानें तो भारत में कश्मीर के विलय होने के बाद से ही यहां की जनता भारतीय होने को अपना गौरव मानती है.
पाकिस्तान ने भेजे थे कबाइली
इतिहासकारों की के मुताबिक 24 अक्तूबर, 1947 को पाकिस्तान द्वारा भेजे गए कबाइलियों ने कश्मीर की रियासत पर हमला बोल दिया. जिसकी खबर मिलते ही, जम्मू-कश्मीर के तात्कालीन ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह कबाइलियों का सामना करने अपनी फौज के साथ उरी बॉर्डर पर पहुंच गए.
कबाइलियों ने कर लिया था कब्जा
अब तक कबाइली गिलगित और बाल्टिस्तान जैसे बहुत से इलाकों पर अपना कब्जा जमा चुके थे. हालांकि, फौज ने यहां पहुचंकर कबाइलियों खदेड़ दिया. लेकिन कबाइलियों ने मुजफराबाद को पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया था. जिसे आज हम पाकिस्तान अनाधिकृत क्षेत्र (POK) के नाम से जानते हैं. कबाइलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह के कई जवान शहीद हुए थे. लेकिन तीन दिन तक लगातार लड़ाई के बाज ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की गोली लगने से मौत हो गई.
राजा हरि सिंह ने मांगी भारत से मदद
इसके बाद जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह ने अपनी रियासत को कबाइलियों से बचाने के लिए भारत से मदद की गुहार लगाई. इसी के साथ भारत ने महाराजा हरि सिंह के सामने कश्मीर के भारत में विलय का प्रस्ताव सामने रखा. जिसके बाद राजा हरि सिंह ने 26 अक्तूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके तुरंत बादही भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भेजे गए कबाइलियों को खदेड़ था. सेना ने कश्मीर घाटी के बिगड़े हालात पर काबू पाकर मामला संभाला था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर भी भारत का हिस्सा बन गया.