Reasons for Heart Attack: हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है. मौजूदा वक्त में हृदय रोग दुनियाभर में होने वाली मौतों के पीछे बड़ी वजह है. आमतौर पर हृदय रोग से जुड़े कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते. यही कारण है कि हृदय रोग को बहुत से विशेषज्ञ साइलेंट किलर भी कहते हैं. हृदय रोग से होने वाली मौतों के विशलेषण से ये बात सामने आई है कि हृदय रोग से ग्रस्त इन मरीजों को पता ही नहीं था कि वे हाइपरटेंशन के मरीज हैं. इसके अलावा जिन लोगों को अपने ब्लड प्रेशर के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी होती है तो वे इसपर ज्यादा ध्यान नहीं देते.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में जारी आंकड़ों की माने तो, भारत में साल 2019 में 30-79 की उम्र वाले लगभग 19 करोड़ लोगों को हृदय से जुड़ी बीमारियां थी. जिनमें से सिर्फ 7 करोड़ मरीज ही इस बीमारी से लड़ पाने में सफल रहे. बाकी बचे 12 करोड़ मरीज आज भी किसी न किसी रूप से हाई ब्लड प्रेशर के खतरे के साथ ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
WHO के अनुसार, दुनिया भर में हाइपरटेंशन से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. दुनियाभर में हृदय रोगियों के आंकड़ों की बात करें तो जहां साल 1990 में दुनिया के 65 करोड़ लोगों को हाइपरटेंशन की समस्या थी. वो साल 2019 में बढ़कर 130 करोड़ के रिकॉर्ड आंकड़े पर पहुंच गई.
वहीं, WHO ने हाइपरटेंशन को लेकर जारी की अपनी रिपोर्ट पर कहा, 'यह सामान्य लेकिन घातक स्थिति आज एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या हो गई है जिसके कारण स्ट्रोक, दिल का दौरा, हार्ट फैल्योर, किडनी की खराबी जैसी कई बीमारियां होती हैं.'
हाई ब्लड प्रेशर के पीछे क्या है वजह?
विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादा नमक खाने, शराब और तंबाकू के अत्याधिक सेवन, कम एक्सरसाइज और मोटापा लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सबसे बड़ा कारण है. WHO के मुताबिक, अगर लोगों ने अपनी शारीरिक एक्टिविटीज को नहीं बढ़ाया तो साल 2023 के बाद दुनिया भर में तकरीबन 24 करोड़ नए मरीज देखने को मिलेंगे.
नमक बन सकता है काल
विश्व स्वास्थ संगठन और हेल्थ विशेषज्ञों के मुताबिक नमक का अत्याधिक सेवन हमारे शरीर में हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढाकर, हमारा काल बन सकता है. इसपर WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'आहार में नमक का सेवन वैश्विक स्तर पर 9-12 ग्राम प्रति दिन है जिसे घटाकर प्रति दिन पांच ग्राम से कम पर लाने से हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों को रोकने में मदद मिल सकती है. ऐसा करके दुनियाभर में दिल के दौरे और हार्ट अटैक के कारण होने वाली 25 लाख मौतों को रोका जा सकेगा.'