Reservation Policy Row : जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति के खिलाफ धरने में पहुंचे NC सांसद आगा रुहुल्ला !

Written By Vipul Pal Last Updated: Dec 23, 2024, 02:40 PM IST

Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर में आरक्षण की नीति के खिलाफ नौजवानों का प्रदर्शन जारी है. ऐसे में, इन नौजवानों का सपोर्ट करने के लिए NC सांसद आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी, अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. दरअसल, सोमवार को श्रीनगर के सांसद  आगा रुहुल्ला ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ CM हाउस के आगे धरना दिया. 

मुख्यमंत्री आवास के आगे धरना दे रहे नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता के साथ, PDP नेता इल्तिजा मुफ्ती और वहीद उर्र रहमान पर्रा भी उनके साथ मौजूद रहे. बता दें कि आरक्षण की नीति को लेकर सांसद आगा रुहुल्ला मेहदी आज अपनी सरकार के खिलाफ नजर आए. 

इस पूरे घटनाक्रम की दिलचस्प बात यह है कि इस धरने में न केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद अपनी सरकार के खिलाफ नजर आए, बल्कि PDP के सीनियर नेता भी उनका साथ देने के लिए CM आवास के सामने पहुंच गए. 

सूत्रों के मुताबिक, सांसद आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी ने अपना विरोध प्रदर्शन श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल से शुरू किया. जोकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आवास तक पहुंचा. आपको बता दें, प्रदर्शनकारी नेताओं की मांग है कि जम्मू कश्मीर में Rational Reservation Policy लागू की जाए. 

इससे पहले, हुर्रियत चीफ मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि अगर अधिकारियों ने इजाजत दी तो वह भी प्रदर्शन में शामिल होंगे. गौरतलब है कि NC सांसद आगा रूहुल्लाह ने भी बीते रविवार को लोगों से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आवास के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन में शामिल होने का बात कही थी. 

जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति को रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है. ऐसे में, स्टू़डेंट यूनियन, छात्र नेता और सियासी पार्टियां भी इस प्रदर्शन को समर्थन दे रहे हैं. 

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में, लेफ्टिनेंट गवर्नर प्रशासन द्वारा शुरू की गई आरक्षण नीति ने, बहुसंख्यक सामान्य वर्ग को 40% तक सीमित कर दिया था और आरक्षित श्रेणियों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 60% कर दिया था. जिसके चलते, घाटी में सामन्य वर्ग के छात्रों और सरकारी नौकरी के उम्मीदवारों में रोष है.

आरक्षण नीति के विरोधियों का कहना है कि सामान्य वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों व सरकारी शिक्षण संस्थानों में मौके तकरीबन 35 फीसदी तक ही सिमट कर रह गए हैं. हालांकि, मौजूदा उमर सरकार ने इस मामले में कैबिनेट उपसमिति का गठन किया है.