बड़गाम : जम्मू कश्मीर में बदलते सियासी समीकरण के बीच हर दिन बयानबाजी का सिलसिला शुरू रहता है। ताजा बयान नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य फारूख अब्दुला का है जिन्होंने बड़गाम में सियासी जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर का युवा भटकाव की स्थिती में आ गया है। बेरोजगारी चरम पर है जिन वादों और इरादों के साथ केन्द्र सरकार ने आर्टिकल 370 खत्म किया था और कहा था कि सभी के लिए रोजगार का इन्तेजाम किया जायेगा वैसा कुछ भी नहीं हुआ। उल्टा बेरोजगारी बढ़ने के साथ ही सुरक्षा एंजेसियों और दहशतगर्दों की होने वाली मुठभेड़ों से आवाम की जिन्दगी में डर और दहशत का माहौल बन गया है।
फारूख अब्दुला आगे कहते है कि स्मार्ट फोन का गलत इस्तेमाल और नशा घाटी के युवाओं के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है। घाटी का युवा असुरक्षा और बेरोजगारी दोनों के सामने डटकर खड़ा है। ऐसे में केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो जम्मू कश्मीर के युवाओं पर विशेष ध्यान दें।
बड़गाम जिले के मागम में जनसभा को संबोधित करते हुए फारूख अब्दुला ने कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है। यह हम सभी के लिए चिंता का बहुत बड़ा विषय है। इन सब में अफसरों की मिलीभगत है जो नशें को जम्मू कश्मीर में दाखिल करा रहे है । जिस तरह का सिलसिला कश्मीर में चल रहा है उससे ऐसा लगता है कि कश्मीर के युवाओं का भविष्य कहीं अंधकार में न चला जाये। समय आ गया है कि हम सभी मिलकर ये सोचे की युवाओं के हाथों में किताबें हो और वो अपने सुनहरे भविष्य की कल्पना को पूरा करने में लगे रहे न कि घाटी में नशे के काले कारोबार को बढ़ावा मिलें। नशा एक बिमारी है जिसके खिलाफ सरकार और आवाम दोनों को मिलकर लड़ना होगा।
लोगों के मन में आतंक और डर का माहौल
लोकल मीडिया के मुताबिक फारूख अब्दुला ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में काम कर रहे अफसरों ने आवाम के अन्दर डर और आंतक का माहौल बनाने की पूरा सिस्टम तैयार कर रखा है। सच बोलने और आवाज उठाने पर पुरी तरह से रोक लगा दी गई है। सच बोलने वाली मीडिया का भी गला घोंटने की कोशिश सरकार कर रही है।