Chandrayaan-3: चांद पर पहुंचे 'प्रज्ञान' रोवर में लगे हैं ये सारे इन्स्ट्रूमेंट, इन रहस्यों से उठाएगा पर्दा...

Written By Last Updated: Aug 24, 2023, 12:56 PM IST

Chandrayaan-3 Updates: भारत के चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर दुनिया में अपना परचम लहरा दिया है. चाद की जमीं पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है. 23 अगस्त की शाम 6 बजे चंद्रयान-3 के 'विक्रम' लैंडर ने चंद्रमा की धरती पर कदम टिकाए. इसके कुछ ही देर बाद लैंडर के अंदर मौजूद 26 किलोग्राम वजनी 'प्रज्ञान' रोवर इससे बाहर निकला. ISRO से मिली जानकारी के मुताबिक भारत का प्रज्ञान रोवर चंद पर चहलकदमी कर रहा है. इसरों ने अपने इस रोवर पर बहुत से इंस्ट्रुमेंट्स लगाए हैं. जिनकी मदद से ये चांद के अनछुए हिस्से पर 14 दिनों तक चांद के रहस्यों से पर्दा उठाएगा.

लैंडर में लगे हैं ये इंस्ट्रूमेंट्स

चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में एक स्पेक्ट्रो पोलरिमेट्री नाम का एक इंस्ट्रूमेंट लगा है. इसकी मदद से ये चांद की सतह पर पहुंच रहे प्रकाश की जांच करेगा. ISRO यहां पड़ने वाली रोशनी के स्पेक्ट्रम की स्टडी करेगी. इस स्टडी की मदद से अंतरिक्ष में ऐसे दूसरे उपग्रहों की खोज करना आसान होगा. इसके अलावा इसमें नासा की मदद से तैयार लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर नाम का एक ऐरे इक्वीपमेंट लगा है. जिसकी मदद से धरती और चांद के बीच की दूरी की सटीक जानकारी मिलेगी. 

रोवर में लगे हैं ये इंस्ट्रूमेंट्स

चांद की जमीन की जांच के लिए चंद्रयान-3 में प्रज्ञान रोवर को भेजा गया है. इसके लिए रोवर में लेजर इंड्यूज्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) और अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) लगाया गया है. इन इन्स्ट्रूमेंट्स की मदद से चांद की उम्र और अब तक हुए अलग-अलग बदलावों का ठीक-ठीक पता लगाया जा सकता है. LIBS के जरिए यहां की मिट्टी की रासायनिक संरचना और उसके अंदर छुपे खनिजों का पता लगाया जा सकेगा.

वहीं रोवर में लगे अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) की मदद से चांद की धरती पर एल्यूमीनियम, मैग्नीशियम,पोटेशियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम, लोहे और कैल्शियम का पता लगाएगा. इसके अलावा चांद पर इंसानों के रहने की संभावनाओं और इसके दूसरे इस्तेमाल की जानकारी का पता लगाने के लिए ISRO ने अपने लैंडर में एक रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर  यानि RAMBHA नाम का एक इंस्ट्रूमेंट लगाया है. इसकी मदद से चांद पर मौजूद गैंसों और प्लाज्मा वातावरण में आ रहे बदलावों का पता लगाया जा सकेगा.

इसके साथ ही चांद पर आने वाले भूंकप की जानकारी के लिए ILSA  (Instrument for Lunar Seismic Activity) नाम का एक इंस्ट्रूमेंच लगाया गया है.