पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर बोर्ड ने 10 वीं जमात का रिज़ल्ट निकाला। हमेशा की ही तरह इस बार भी लड़कियां लड़कों से आगे निकल गईं। टॉपर्स की फहरिस्त में जगह बनाने वाले स्टूडेंट्स में ज्यादातर लड़कियां ही हैं।
जब भी बोर्ड के इम्तिहान आते हैं, ज्यादातर स्टूडेंट्स टेंशन में आ जाते हैं। कुछ स्टूडेंट्स कोचिंग जाते हैं तो कुछ एक्सट्रा क्लास करते हैं। वहीं इस साल की टॉपर सदफ़ मुश्ताक़ ने बिना किसी कोचिंग के सबसे ज्यादा नंबर लाकर टॉप किया है। सदफ़ ने 500 में से 498 नंबर के साथ पूरे बोर्ड में टॉप किया है।
सदफ़ के उम्दा रिज़ल्ट पर उनके टीचर्स भी ख़ुश हैं। उनका कहना है कि "सदफ़ ने सिर्फ स्कूल और घर से पढ़ाई की, उसने बिना किसी कोचिंग के ये मक़ाम हांसिल किया है। "
सदफ़ के बहतरीन रिज़ल्ट से उनके घर और मुहल्ले में ख़ुशी का माहौल बना हुआ है। सदफ़ की वालिदा का कहना है कि "सदफ़ के टॉप करने की वज़ह केवल उनका टाईम मैनेजमेंट है। उन्होंने शुरूआत से ही वक़्त का सही इस्तेमाल किया और अपनी तैय्यारी मुकम्मल की।" उन्होंने बताया कि हमें शुरूआत से ही मालूम था कि सदफ़ के नंबर अच्छे आएंगें लेकिन वो टॉप करेंगी, उसकी उम्मीद नहीं थी। और आज जब सदफ़ ने पूरे जम्मू-कश्मीर बोर्ड में टॉप किया हैं तो दिल में बेशुमार ख़ुशी है।
क्या कहती हैं सदफ़ ?
इस साल बोर्ड के इम्तिहान में कुल 118,791 स्टूडेंट्स ने पर्चे लिखे। और सबसे ज्यादा नंबर लाकर सदफ़ ने टॉप किया। सदफ़ मुश्ताक़ बताती हैं कि उन्होंने अपनी सेल्फ स्टडी पर भरोसा था और उसी के जरिए वे इम्तिहान में बेहतर कर पाईं। उन्होंने कहा कि "मैं किसी भी कोचिंग के लिए नहीं गई, मेरे स्कूल टीचर्स काफ़ी हेल्पफुल थे। मैंने बार-बार रिवीज़न किया ताकि मैं ज़्यादा से ज़्यादा याद रख सकूं।"
ये थी स्ट्रेटजी
बोर्ड इम्तिहान की तैयारी के लिए अपनी स्ट्रेट्जी पर बात करते हुए सदफ़ ने कहा, शुरुआत में मैं बहुत ज़्यादा टेंशन में थी लेकिन बाद में मेरे टीचर्स ने मेरी हेल्प की और इस दौरान मेरे पेरेंट्स ने मुझपर पूरा भरोसा बनाए रखा, जिसकी वजह से मैं बेहतर कर पाई। "रेग्यूलर और लगातार तैयारी ही बेहतर प्रदर्शन का मूलमंत्र है" मैनें शुरुआत से हर सब्जेक्ट पर बराबर वक़्त दिया और उसकी तैयारी की। अब मुझे एहसास होता है कि बोर्ड के इम्तिहानों में अच्छे नंबर लाना उतना मुश्किल नहीं है जितना पहले लगता था।
आईआईटी है अगला टारगेट
अपने फ्यूचर प्लाॉन के बारे में सदफ़ बताती हैं कि वह हमेशा से इंजीनियर बनना चाहती थीं। “मैथ्स मेरा पसंदीदा सबजेक्ट है और इसपर मेरी अच्छी पकड़ है इसलिए मैंने नॉन-मेडिकल स्ट्रीम में एड्मीशन लिया है। मैं आईआईटी-मद्रास में एड्मिशन लेना चाहती हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं आगे चलकर जेईई-एडवांस पास कर वहां एडमिशन लूंगी।''